Mar 15, 2020

गली गली में फिरता है-त्रिदेव १९८९

आवारा और बंजारा शब्दों को जितना डिक्शनरी ने
पॉपुलर नहीं कराया उससे कहीं ज्यादा फिल्मों ने.
अब कौन कहता है फ़िल्में शिक्षा का माध्यम नहीं.
पब्लिक ने तो अदा से पप्पी झप्पी लेना भी फिल्मों
से सीखा है.

शब्द तो खैर बहुत कुछ कहते ही हैं मगर मूक कला
माईम भी एक विधा है जिसमें केवल भावों से और
शरीर के अंगों की हलचल से बहुत कुछ कहा जाता
है. इसे समझने के लिए बहुत फरर्टाइल दिमाग की
ज़रूरत होती है. अब कलाकार जलेबी बनाने की
विधि बतला रहा है या कसरत का ज्ञान आम आदमी
कैसे जान सकता है. मॉडर्न आर्ट का भी कुछ वैसा ही
हाल है. बनाने वाले से समझना पढता है वो क्या
कहना चाह रहा है या क्या कह चुका है.

अरे हम तो निबंध की ओर बढ़ने लगे, ना बाबा ना,
गीत की तरफ लौटते हैं. अलका याग्निक और मनहर
के गाये गीत को लिखा है आनंद बक्षी ने और इस गीत
की धुन तैयार की है विजू शाह ने.

टूथपेस्ट के विज्ञापन जैसे दृश्य से शुरू होता ये गीत
फिल्माया गया है जैकी श्रॉफ़ और संगीता बिजलानी
पर. गीत में आपको ढेर सारे कलाकार दिखलाई देंगे.
इनमें से दो ऐसे हैं जिनको लेकर बिछुडे हुए भाइयों
की कोई फिल्म बनाई जा सकती थी-डैन धनोवा और
तेज सप्रू. इसके अलावा उसी फिल्म में जैकी की बड़े
भाई की भूमिका भी हो सकती थी. खैर हो सकता था
वगैरह सब चलता ही रहता है, होता क्या है वो किसी
को मालूम नहीं होता. अब इससे आगे लिखने पर
यही मसाला किसी अंग्रेजी के ब्लॉग पर चटपटे
अनुवाद की शक्ल में दिखने लगेगा, इसलिए इधरिच
फुलस्टॉप. कहते हैं ना इश्क की आग वो आग है जो
बुझाये ना बुझे वैसे ही ब्लोगिंग की खुजली भी कुछ
ऐसी है जो खुजाए न खुजे.



गीत के बोल:

गली गली में फिरता है तू क्यूँ बन के बंजारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
हो गली गली में फिरता है तू क्यूँ बन के बंजारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
हो तेरा प्यार है एक सोने का पिंजरा ओ शहज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी

मौका है दीवाने दिल का खाली दामन भर ले
इस दुनिया में जीना है तो प्यार किसी से कर ले
तेरे दिल को छेड़ रहा है मेरा प्यार अकेला
मेरे दिल में लगा हुआ है कई ग़मों का मेला

हो गली गली में फिरता है तू क्यूँ बन के बंजारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
हो तेरा प्यार है एक सोने का पिंजरा ओ शहज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी

मेरी तरह नहीं है कोई इस दुनिया में देख यहाँ
राजा बन जा मेरा साथी हाथ पकड़ ले मेरा
मेरा रास्ता रोक रही है तू कैसी दीवानी
एक जगह मैं कैसे ठहरूं मैं दरिया का पानी

हो गली गली में फिरता है तू क्यूँ बन के बंजारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
हो तेरा प्यार है एक सोने का पिंजरा ओ शहज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी

और किसी से मैं ये कहती वो कुछ भी कर जाता
मेरे एक इशारे पे बस वो हंस के मर जाता
ना मैं शायर ना कोई आशिक ना कोई दीवाना
मैं तुझपे नहीं मरने वाला मैं हूँ बड़ा सयाना

हो गली गली में फिरता है तू क्यूँ बन के बंजारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
हो तेरा प्यार है एक सोने का पिंजरा ओ शहज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी
………………………………………………………
Gali gali mein phirta hai-Tridev 1989

Artists: Jackie Shroff, Sangeet Bijlani

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