जो दिल से निकले वो है-गीत १९९२
है. इसमें लॉजिक से ज्यादा भावना ऊपर रहती है.
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, और, एक
अच्छी धुन को बेहतर गायक नहीं मिलता या बेहतर
गायक को अच्छी धुन नहीं मिलती. ये सब मिसमैच
चलता रहेगा और हम सुनते रहेंगे फ़िल्मी गीत. बोलो
बाबाजी के उल्लू की जय.
इन्दीवर के बोल हैं और बप्पी लहरी का संगीत. इसे
अलका याग्निक से गवाया गाया है.
गीत के बोल:
जो दिल से निकले वो है गीत
सुन के दिल पिघले वो है गीत
जो दिल को छू ले वो है गीत
जिसको दिल न भूले वो है गीत
जो दिल से निकले वो है गीत
सुन के दिल पिघले वो है गीत
जो दिल को छू ले वो है गीत
जिसको दिल न भूले वो है गीत
जब स्वर और सुर का हो संगम
छंदों के साथ मिले सरगम
आ आ आ आ आ आ आ आ
जब स्वर और सुर का हो संगम
छंदों के साथ मिले सरगम
पतझड़ में बहारें झूम उठें
वो सावन बरसे बिन मौसम
फूलों में खिले जो वो है गीत
रिमझिम में झरे वो है गीत
जो दिल से निकले वो है गीत
सुन के दिल पिघले वो है गीत
जो दिल को छू ले वो है गीत
जिसको दिल न भूले वो है गीत
जो दिल से निकले वो है गीत
यादों में जो दिन रात पले
जो तन्हाई में साथ चले
आ आ आ आ आ आ आ आ
यादों में जो दिन रात पले
जो तन्हाई में साथ चले
जब दर्द गुजार जाए हद से
होंठों पे तरन्नुम बन के खिले
धड़कन में जो चले वो है गीत
साँसों में पले वो है गीत
जो दिल से निकले वो है गीत
सुन के दिल पिघले वो है गीत
जो दिल को छू ले वो है गीत
जिसको दिल न भूले वो है गीत
जो दिल से निकले वो है गीत
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Jo dil se nikle wo hai-Geet 1992
Artist: Divya Bharti
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