Mar 25, 2020

मांगी थी एक दुआ-शक्ति १९८२

हिंदी सिनेमा वो सब दिखता है जिसकी हम कल्पना
भी नहीं कर सकते. असंभव को संभव कर दिखाना
इसके लिए बाएं हाथ का खेल है. दक्षिण भारत का
सिनेमा तो आज कल हैरत अंगेज स्टंट दिखाता है
जो भौतिकी की किताब को ठेंगा दिखाते नज़र आते
हैं. सुपरमैन के ये दोयम संस्करण २-३ कथानकों
के बीच कूद-फांद करते रहते हैं. बा हीरोईन बदलती
रहती है, कम कोल्ड क्रीम वाली या ज्यादा कोल्ड क्रीम
वाली.

खैर हम ऑफ टॉपिक हो गये थोड़े से. सन १९८२ में
अमिताभ की एक फिल्म आई थी बेमिसाल जिसमें
राखी ने नायिका का रोल किया था. उसी वर्ष शक्ति
फिल्म में उन्हें अमिताभ की माँ का रोल करने का
मौका मिल गया. भेड़ चाल वाली इंडस्ट्री में किसी को
नहीं सूझा कि उनको किसी फिल्म में दादी या नानी
का रोल भी ऑफर कर दे.

सुनते हैं फिल्म शक्ति का गीत महेंद्र कपूर की आवाज़
में जिसे दिलीप कुमार और राखी पर फिल्माया गया है.



गीत के बोल:

मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई
उम्मीद की कली खिल के फूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई

हम सोचते थे ये दिल मुफ्त में दिया
हम सोचते थे ये दिल मुफ्त में दिया

कितना हसीन मगर तोहफ़ा हमें मिला
कीमत हमारे प्यार की वसूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई

अब के बहार में दिल मेरा खिल गया
ओ ओ ओ ओ अब के बहार में दिल मेरा खिल गया
जिसकी थी आरज़ू वो मुझको मिल गया
जन्नत मेरे लिए अब फ़ज़ूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई
उम्मीद की कली खिल के फूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई

धीमा संस्करण:

ए आसमान बता क्या तुझको है खबर
ए आसमान बता क्या तुझको है खबर
ये मेरे चाँद को किसकी लगी नज़र
मुझसे कहाँ न जाने कोई भूल हो गई
……………………………………………
Mangi thi ek dua-Shakti 1982

Artists: Dilip Kumar, Rakhi

2 comments:

प्रणव झा,  March 26, 2020 at 8:44 PM  

पूरे बोल देने के लिए शुक्रिया

Geetsangeet April 5, 2020 at 10:59 PM  

शुक्रिया के लिए शुक्रिया.
ये चुप-चाप गैंग को शर्म आएगी थोड़ी सी?

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