ये हवा ये रात ये चाँदनी-संगदिल १९५२
है संगदिल का ये गाना जिसे परदे पर दिलीप कुमार
गा रहे हैं. फिल्म की नायिका मधुबाला हैं मगर नायक
ये गीत दूसरी अभिनेत्री के लिए क्यूँ गा रहा है ये
समझने के लिए आपको फिल्म देखना पड़ेगी.
राजेंद्र कृष्ण के बोल हैं और सज्जाद हुसैन का संगीत.
गीतकार राजेंद्र कृष्ण सबसे ज्यादा अपने उन गीतों के
लिए जाने गए जो उन्होंने सी रामचंद्र और मदन मोहन
के लिए लिखे.
गीत के बोल:
ये हवा ये रात ये चाँदनी
तेरी इक अदा पे निसार है
ये हवा ये रात ये चाँदनी
तेरी इक अदा पे निसार है
मुझे क्यूँ ना हो तेरी आरज़ू
तेरी जुस्तजू में बहार है
ये हवा ये रात ये चाँदनी
तुझे क्या खबर है ओ बेखबर
तुझे क्या खबर है ओ बेखबर
तेरी एक नज़र में है क्या असर
तुझे क्या खबर है ओ बेखबर
तेरी एक नज़र में है क्या असर
जो गज़ब में आये तो कहर है
जो हो मेहरबां वो क़रार है
मुझे क्यूँ ना हो तेरी आरज़ू
तेरी जुस्तजू में बहार है
ये हवा ये रात ये चाँदनी
तेरी बात बात हैं दिलनशीं
तेरी बात बात हैं दिलनशीं
कोई तुझसे बढ़ के नहीं हसीं
तेरी बात बात हैं दिलनशीं
कोई तुझसे बढ़ के नहीं हसीं
हैं कली कली में जो मस्तियां
तेरी आँख का ये खुमार है
मुझे क्यूँ ना हो तेरी आरज़ू
तेरी जुस्तजू मैं बहार है
ये हवा ये रात ये चाँदनी
तेरी इक अदा पे निसार है
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Ye hawa ye raat ye chandni-Sangdil 1952
Artists: Dilip Kumar, Shammi
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