एक तरफ है माँ की छाया-आंधी और तूफ़ान १९६४
है. ढेर सारे कलाकारों से भरी फिल्म में ढेर सारी घटनाएँ
हैं. कामरान फिल्म्स के बैनर तले इसका निर्माण हुआ और
फिल्म में कामरान स्वयं एक अहम भूमिका में हैं. फिल्म
का निर्देशन मोहम्मद हुसैन ने किया.
प्रस्तुत गीत फारूक कैसर ने लिखा है और इसका संगीत
तैयार किया है रॉबिन बैनर्जी ने. रफ़ी गायक कलाकार हैं.
गीत के बोल:
एक तरफ है माँ की छाया एक तरफ है ताज
राम लखन की जोड़ी देखो बिछड़ रही है आज
राम लखन की जोड़ी देखो बिछड़ रही है आज
राम लखन की जोड़ी देखो बिछड़ रही है आज
एक तरफ है माँ की छाया एक तरफ है ताज
राम लखन की जोड़ी देखो बिछड़ रही है आज
टूट गया है पल दो पल में सारी उमर का नाता
लुट गयी पूँजी मिट गया कोई देख रहा है दाता
देख रहा है दाता
उस आँगन को छोड़ चला क्यूँ जिसपे किया है राज़
एक तरफ है माँ की छाया एक तरफ है ताज
राम लखन की जोड़ी देखो बिछड़ रही है आज
अपने लहू से जिसको सींचा काटा उस फुलवारी को
आग लगा दो दुनिया वालों ऐसी दुनियादारी को
ऐसी दुनियादारी को
चुपके चुपके रोये माली बाग हुआ तालाब
एक तरफ है माँ की छाया एक तरफ है ताज
राम लखन की जोड़ी देखो बिछड़ रही है आज
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Ek taraf hai maa ki chhaya=Aandhi aur toofan 1964
Artists: Dara Singh, Kamran, Ratnamala
2 comments:
माँ के रोल में कौन है
किसी फिल्म-ज्ञान के भण्डार की नज़र पड़ने दें इस पर
आपको मालूम हो जायेगा.
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