Apr 5, 2020

तू पी और जी-देस परदेस १९७८

७० के दशक से एक शराबी गीत सुनते हैं. इस बात का
क्रायटेरिया क्या है कि ये शराबी गीत ही है. तो जनाब
सयाने कहते हैं जिस गाने में शराब शब्द आ जाए वो
शराबी गीत हो जाता है. अब जो शराब-बंदी वाले गाने
हैं उनका क्या?

भांग और शराब पर तो गाने बने हैं मगर दूसरी चीज़ों
को एक नाम-चिलम में समेट दिया गया है.

सुनते हैं छोटे मुखड़े वाला ये गीत देस परदेस फिल्म से.
अमित खन्ना इसके रचनाकार हैं और राजेश रोशन ने
धुन तैयार की है. किशोर कुमार ने इसे गाया है.

शादी के मंडपों के बाहर लगने वाला वेलकम सरीखा
कुछ दारू की दुकान के उदघाटन के अवसर पर लगा
है. अतिथियों की आरती और टीका भी किया जा रहा है.
देव आनंद ने अपनी संस्कृति का काफी ख्याल रखा है
इस गीत में. अतिथि देवो भवः

गीत के शुरू और मध्य तक नायिका लदी फंदी दिखलाई
देती है और गीत के अंत में वो शराब के ड्रम में कपड़ों
की मंदी का शिकार बन जाती है. भीड़ भी छलकती हुई
शराब की बूंदें पा जाने के लिए बेसब्र हो जाती है.




गीत के बोल:

तू पी और जी
तू जी और पी

सरदी में जब पियोगे यारों
सरदी में जब पियोगे यारों गरम कोट बन जायेगा ये
आई गरमी तो मदिरा-जल ठंडक तुमको पहुँचायेगा
अरे रंग भरेगा सपनों में आँखों में जब ये बस जायेगा
मन को तेरे मीत तेरा बस यहीं कहीं पे मिल जायेगा
काहे को तू फिरे अकेला
अरे काहे को तू फिरे अकेला देख ज़रा मौजों का मेला
आ तू भी आ लहरा
अरे आओ ना अकेले कभी रहो ना अकेले कभी
अरे सभी ये ये कहे कवि
के ऊपर नीचे आगे पीछे छाई कैसी मस्ती
ज़रा पी और जी

ये गुजराती वो बंगाली
ये गुजराती वो बंगाली ये दिलवाला वो दिलवाली
मैं देसी हूँ तू परदेसी फिर भी धड़कन है एक जैसी
अरे ये मद्रासी वो पंजाबी हर ताले की है एक चाबी
प्यार के मारे सब बेचारे गोरे काले ये मतवाले
अरे वर्कर हो या मालिक मिल का
वर्कर हो या मालिक मिल का रात का प्यासा भूखा दिन का
आ तू आ ना घबरा
उधार ना चढ़ाओ कभी पैसे साथ लाओ अभी
अभी ये दुकान है खुली
के पहली पहली बिक्री मेरी बेचूँ मैं तो सस्ती
ज़रा पी और जी

घरवालों की याद सताये
घरवालों की याद सताये या आँखों में आँसू आये
हमको देखो घूँट हँसी के पी कर हम कैसे मुस्काये
हो हो हो हो हो हा हा हा हा हा
इसमें कितने राज़ छुपे हैं पूछो मेरे दिल से तुम
बैठे बैठे महफ़िल से होता है कैसे कोई गुम
अरे दुनिया सारी हिल जायेगी
दुनिया सारी हिल जायेगी फ़टी जेब भी सिल जायेगी
आ तू भी बन जा राजा
अरे लफ़ड़ा ना करो कभी झगड़ा ना करो कभी
भंगड़ा तो पाओ ज़रा जट जी
अरे बल्ले बल्ले बच के कहीं डूबे ना ये कश्ती
ज़रा पी और जी
कहता ये टोनी
हे हे कम ऑन मैडम हा हा
कम ऑन सिस्टर ये पकड़ा दो ब्रदर
ओये आनो ना सिस्टर
बोलो चीयर्स
…………………………………………………….
Too pee aur jee-Des Pardes 1978

Artists: Dev Anand, Tina Munim

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