आगे आगे एक हसीना-प्रोफ़ेसर प्यारेलाल १९८१
योगदानकर्ताओं के नाम प्रसिद्ध नहीं हो पाते. फिल्म बन
जाती है और उसके बाद गधेनुमा नायक नायिकाओं को भी
तथाकथित अपार लोकप्रियता मिल जाती है. जिस निर्देशक
ने उन्हें गधे से खच्चर या घोड़ा बनाया उसे कौन पूछता है.
कुछ निर्देशक और निर्माता फिल्मों से बड़े कद के हो जाते
हैं और जनता का एक हिस्सा उन्हें फिर यूँ पहचानता है-
फलाने की फिल्म है, ढिकाने की फिल्म है. जो कलाकार
निर्देशक की बात मान के चलते हैं उनसे सभी खुश रहते हैं
क्यूंकि निर्देशक के विज़न के अनुसार काम हो जाता है.
१० २० फ़िल्में कर लेने के बाद कई नायकों को निर्देशन की
खुजली होने लगती है और वे टांग अडाने का काम शुरू कर
देते हैं. सुझाव तक तो ठीक है मगर एक विधा से दूसरी विधा
में घुसने का ये प्रयत्न या तो फिल्म का कचरा कर बैठता है
या फिर नायक को निर्देशक बनने की ओर ले जाता है.
सन १९८१ की फिल्म प्रोफ़ेसर प्यारेलाल का निर्देशन बृज
सदाना ने किया था. कहा जाता है इस फिल्म को शूट करते
करते पूरे पांच साल लग गए और ९ घंटे की अजीब-ओ-गरीब
चीज़ों को एक ३ घंटे की फिल्म के ढाँचे में बिठाने के लिए
हृषिकेश मुखर्जी की मदद ली गई. उसके बाद भी फिल्म की
कहानी यूँ लगती है मानो ३-४ फिल्मों के उसल-मिसल हो.
फिल्म की दृश्यावलियाँ सुन्दर हैं और इस बात से कोई भी
इनकार नहीं कर सकता. वो समय था जब धर्मेन्द्र और इस
फिल्म की नायिका जीनत अमान के प्रशंसक बहुतेरे थे.
इस फिल्म के प्रमुख कलाकारों में से एक हैं जीवन, अपने
ज़माने के मशहूर विलन. इस फिल्म में भी वे विलन की ही
भूमिका में हैं. आज उनकी पुण्यतिथि है अतः हम आपको ये
गीत सुनवा रहे हैं.
राजेंद्र कृष्ण गीत लेखक हैं और कल्याणजी आनंदजी संगीतकार.
गीत आशा भोंसले ने गाया है.
गीत के बोल:
हे आगे आगे
अरे आगे आगे एक हसीना पीछे कुछ दीवाने
दीवाने अनजाने के सब हैं दीवाने
अरे शमा अभी तक
हे शमा अभी तक जली नहीं है आ पहुँचे परवाने
ये कैसे परवाने के सब हैं दीवाने
हे हे हे
आगे आगे एक हसीना पीछे कुछ दीवाने
दीवाने अनजाने के सब हैं दीवाने
होते हो यार क्यों बेक़रार
आने ही वाली है देखो बहार
होते हो यार क्यों बेक़रार
आने ही वाली है देखो बहार
मयखाने भी अपने पैमाने भी अपने
मस्ती भरे है ज़माने
हे हे हे
आगे आगे एक हसीना पीछे कुछ दीवाने
दीवाने अनजाने के सब हैं दीवाने
मेरे हुजूर जाना ना दूर
होने लगा है मुझे प्यार का सुरूर
मेरे हुजुर जाना न दूर
होने लगा है मुझे प्यार का सुरूर
किसी से न कहना जी चुप चुप रहना
ये दिल पर लगे क्यों निशाने
हे हे हे
आगे आगे एक हसीना पीछे कुछ दीवाने
दीवाने अनजाने के सब हैं दीवाने
ऐसा जवां रंगीन समां
घडी दो घडी का है मेहमां
ऐसा जवां रंगीन समां
घडी दो घडी का है मेहमां
गम है बिछड़ने का खेल है बिगड़ने का
बदलेंगे अब तो ठिकाने
हे हे हे
आगे आगे एक हसीना पीछे कुछ दीवाने
दीवाने अनजाने के सब हैं दीवाने
अरे शमा अभी तक जली नहीं है
आ पहुँचे परवाने
ये कैसे परवाने के सब हैं दीवाने
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Aage aage ek haseena-Professor Pyarelal 1981
Artists: Zeenat Aman, Jeevan, Others
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