Jun 9, 2020

बड़े भोले हो-अर्धांगिनी १९५९

सिनेमा संसार एक सिद्धांत पर चलता है-चमक दमक. इस बात के
चलते जो परदे के पीछे के सृजनकर्ता होते हैं वो सामने नहीं आ पाते
या आते भी हैं तो उन्हें वो प्रसिद्धि और सम्मान नहीं मिलता जिसके
वे अधिकारी होते हैं.

फिल्म निर्माण में असंख्य लोगों को योगदान होता है और इनमें से
निर्देशक, गीतकार और संगीतकार के अलावा गायक कलाकारों को
लोकप्रियता मिल जाती है. तकनीकि से संबद्ध लोग भी लाईमलाईट
में आ जाते हैं जैसे कैमरामैन, साउंड रिकॉर्डिंस्ट वगैरह. आज के युग
में काफी जानकारी उपलब्ध है किसी भी फिल्म निर्माण से सम्बंधित.

ये चलन कुछ सालों से ही देखने में आया है जब से इस इंटरनेट नाम
की दुनिया पे सोशल मीडिया ने अपने पैर पूरी तरह से पसारे. उसके
पहले तक काफी लोग इन सब बातों को जैसे बंदरिया मरे बच्चे को
चिपटाए रखती है, वैसे ही चिपकाये रखते थे. इनमें से कई जानकार
तो ज्ञान को अपने साथ ही ले गए. कुछ जो वानप्रस्थ तक पहुँच चुके
हैं उन्होंने किताबें छपा के इस ज्ञान को अपने अधिकार क्षेत्र में ले
लिया जिसमें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी भी शामिल है.

आज जून महीने की ९ तारीख है. आज के दिन ढेर सारे सेलिब्रिटीज़
और बॉलीवुड कलाकार पैदा हुए थे. आज के दिन पैदा होने वाले प्रसिद्ध
लोगों में पुद्दुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी, संगीतज्ञ अनुष्का शंकर,
संगीतज्ञ देबाशीष चक्रवर्ती, टेलीविज़न एक्टर करण वाही, तमिल सिनेमा
की नायिका मोहिनी, तेलंगाना शकुंतला, निर्माता निर्देशक रजत रवैल,
संगीतकार वसंत देसाई, गायिका-नायिका बी जयश्री, सुंदरी मनप्रीत ब्रार,
और महिला क्रिकेटर नेहा शर्मा हैं.

बॉलीवुड की बात करें तो नायिकाओं में अमीषा पटेल, सोनम कपूर,
मराठी भाषी अभिनेत्री पल्लवी सुभाष शामिल हैं. फिल्मकारों की बात
करें तो डूंडी उर्फ डूंडेश्वर राव पोथिना आज ही के दिन १९३२ में पैदा
हुए थे. जीतेन्द्र की फिल्म फ़र्ज़ और मिथुन की फिल्म साहस के
सह निर्माता वही थे सुन्दरलाल नाहटा के साथ.
आज हम आपको वसन्त देसाई के संगीत निर्देशन में तैयार एक
गीत सुनवायेंगे. इस गीत को लिखा है मजरूह सुल्तानपुरी ने और
इसे गाया है लता मंगेशकर ने. वसंत देसाई शुद्धतावादी परंपरा
के संगीतकार थे जिहोने भारतीयता को बनाये रखा अपने संगीत
में.

कृष्ण कन्हाई की मनोहारी सूरत से ये गीत शुरू होता है. नायिका
कन्हाई से वार्तालाप कर रही है और अपनी व्यथा उड़ेल रही है.
बंसी होंठ से लगा के अब कान्हा बोले भी तो क्या बोलें-इस बात
का सुन्दर वर्णन है दूसरे अंतरे में.





गीत के बोल:

बड़े भोले हो ओ ओ
बड़े भोले हो हँसते हो
सुन के दुहाई कन्हाई
कन्हाई कन्हाई
बड़े भोले हो

भागे हैं जग मेरी छाया से दूर
भागे हैं जग मेरी छाया से दूर
तन मन मेरा सबकी ठोकर से चूर
फिर फिर के फिर तुमरे दर पे आई
हो ओ ओ फिर फिर के फिर तुमरे दर पे आई

बड़े भोले हो ओ ओ
बड़े भोले हो हँसते हो
सुन के दुहाई कन्हाई
कन्हाई कन्हाई
बड़े भोले हो

जलते आँसू जलते आँसू
जलते आँसू भीगे नयनों का हार
देखा तो है सब कुछ तुमने गोपाल
फिर तुमरी अखियाँ हैं क्यूँ मुस्काई
हो ओ ओ फिर तुमरी अखियाँ हैं क्यूँ मुसकाई

बड़े भोले हो ओ ओ
बड़े भोले हो

कित जाऊँ हो ओ ओ
कित जाऊँ मैं मुख तो खोलो ज़रा
चोर बन के चुप क्यूँ हो बोलो ज़रा
अच्छी ये बंसी की ओट लगाई
हो ओ ओ अच्छी ये बंसी की ओट लगाई

बड़े भोले हो ओ ओ
बड़े भोले हो हँसते हो
सुन के दुहाई कन्हाई
कन्हाई कन्हाई
बड़े भोले हो
………………………………….
Bade bhole ho-Ardhangini 1959

Artists: Meena Kumari,

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