Jun 3, 2020

बादल जो बरसे तो-गर्दिश १९९३

कंट्रास्ट और आयरनी जिंदगी के अटूट हिस्से हैं. इनसे बच
के कोई कहीं जा पाया है भला. खुशहाली और तंगहाली के
बीच झूलती जिंदगी कब हाईवे की स्मूद सड़क पर चल पड़े
और कब उबड खाबड़ पहाड़ पर कौन जान सकता है.

आज तूफ़ान के आने का बिगुल बजा और बारिश के होने
की संभावना बनी तो एक गीत सहसा याद आ गया गर्दिश
फिल्म से. फिल्म जैकी श्रॉफ और मुकेश ऋषि के शानदार
अभिनय के लिए जानी जाती है. बाकी के कलाकार फिल्म
में जो हैं जैसे अमरीश पुरी, सुरेश ओबेरॉय उनकी एक्टिंग
की सदैव प्रशंसा होती आई है अतः हम इधर रिपीट नहीं
करेंगे.

मुकेश ऋषि और दक्षिण की नायिका ऐश्वर्या की ये पहली
फिल्म है. फिल्म गर्दिश सन १९८० की मलयाली भाषा की
फिल्म कीरीडम का रिमेक है. निर्देशक है सिबी मलायिल.
मोहनलाल इस फिल्म के हीरो हैं. एक और मोहन हैं इस
फिल्म में-मोहन राज. मोहन राज ने जो रोल किया था इस
फ़िल्म में वो हिंदी वर्ज़न में मुकेश ऋषि को मिला. नायिका
ऐश्वर्या जूली(१९७५) फेम लक्ष्मी की बेटी हैं.

फिल्म को मच्छर मारने वाली अगरबत्ती और लिक्विड को
बनाने वाली कंपनी-गुडनाईट ने प्रायोजित किया था और इस
फिल्म के पोस्टर वगैरह में गुडनाईट छपा हुआ मिलता था.

फिल्म के बारे में हम लोग काफी कुछ जानते हैं मगर इस
फिल्म की कहानी के लेखक ए के लोहितादास के बारे में
कम. मलयालम सिनेमा में उनका नाम ख़ासा लोकप्रिय है
और वे गहराई वाली और वास्तविक लगने वाली कहानियों
के लिए मशहूर हैं.

अपना लेखन लघु कथाओं से शुरू कर उन्होंने बाद में थियेटर
का रुख किया जहाँ उन्हें सफलता का स्वाद चखने को मिला.
उसके बाद सन १९८७ की तानियावर्तनम में पहली बार उन्हें
स्क्रीनप्ले लिखने का अवसर प्राप्त हुआ.

गौरतलब है कहानी लेखन के अलावा उन्होंने निर्देशन और
निर्माण भी किया कई फिल्मों का. १९९८ में उन्हें बेस्ट डेब्यू
फिल्म निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला भूतकन्नडी के
लिए. उन्हें अधिकाँश फिल्म क्रिटिक्स अवार्ड ही मिले अपनी
फिल्मों के लिए.

सुनते हैं जावेद अख्तर का लिखा और आशा भोंसले का गाया
गीत जिसकी धुन पंचम ने तैयार की है. फ़िल्म की गीतों का
फिल्मंकान उस समय के हिसाब से अनूठा और आकर्षित करने
वाला था.




गीत के बोल:

बादल जो बरसे तो भीगे तुम भीगे हम
बादल जो बरसे तो भीगे तुम हां भीगे हम
बादल जो बरसे तो भीगे तुम हां भीगे हम
टपटिप टपटिप गूँज रही है बूँदों की सरगम
हो बादल जो बरसे तो भीगे तुम हां भीगे हम ...
बादल जो बरसे तो भीगे तुम हो भीगे हम

फूल कलियाँ भीगे भीगे रस्ते गलियाँ भीगे भीगे
फूल कलियाँ भीगे भीगे रस्ते गलियाँ भीगे भीगे
बारिश ने धो डाले हैं दुनिया के सारे ग़म
हा हा हा हा

बादल जो बरसे तो भीगे तुम हो भीगे हम

ठंडी ठंडी गीली गीली ये हवायें हैं नशीली
ठंडी ठंडी गीली गीली ये हवायें हैं नशीली
आग लगा दे जो पानी में ऐसा है मौसम
हाय
बादल जो अरे बरसे तो भीगे तुम हो भीगे हम
बादल जो हां हां बरसे तो हो हो भीगे तुम हो भीगे हम
टपटिप टपटिप गूँज रही है
…………………………………………………
Badal jo bares to-Gardish 1993

Artists: Jackie Shroff, Dimple Kapadia

2 comments:

पुष्पेन्द्र रावत,  June 6, 2020 at 8:31 PM  

ऐश्वर्या की और भी हिंदी फ़िल्में हैं क्या ?

Geetsangeet June 12, 2020 at 11:38 PM  

मुझे तो नहीं दिखीं !!

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