मोहे भूल गए साँवरिया-बैजू बावरा १९५२
हैं हिंदी सिनेमा इतिहास की सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में से
एक मीना कुमारी.
इसके अलावा अभिनेता और निर्देशक भगवान, प्रसिद्ध संवाद लेखक
राही मासूम रज़ा और गीतकार मोती बी ए भी आज ही के दिन पैदा
हुए थे.
विजय भट्ट निर्देशित फिल्म बैजू बावरा सिनेमा इतिहास की कुछ
शानदार फिल्मों में से एक है. फिल्म के कथानक और इसके संगीत
में गज़ब का आकर्षण है.
आज हम सुनेंगे लता मंगेशकर का गाया हुआ इस फिल्म का सबसे
लोकप्रिय गीत. दर्द भरे गीत वैसे भी ज्यादा लोकप्रिय होते हैं और
लंबे समय तक सुने जाते हैं. इसकी अलौकिकता में शुरू की पंक्तियाँ
काफी हद तक जिम्मेदार हैं.
गीत शकील बदायूनीं का है और संगीत नौशाद का.
गीत के बोल:
जो मैं ऐसा जानती
के प्रीत किये दुख होय
हो ओ ओ नगर ढिंढोरा पीटती
के प्रीत न करियो कोय
मोहे भूल गए साँवरिया भूल गए साँवरिया
मोहे भूल गए साँवरिया भूल गए साँवरिया
आवन कह गये अजहुं न आये
आवन कह गये अजहुं न आये
लीन्ही न मोरी खबरिया
मोहे भूल गए साँवरिया भूल गए साँवरिया
दिल को दिए क्यों दुख बिरहा के
तोड़ दिया क्यों महल बना के
दिल को दिए क्यों दुख बिरहा के
तोड़ दिया क्यों महल बना के
आस दिला के ओ बेदर्दी
आस दिला के ओ बेदर्दी
फेर ली काहे नजरिया
मोहे भूल गए साँवरिया भूल गए साँवरिया
नैन कहे रो रो के सजना
देख चुके हम प्यार का सपना
नैन कहे रो रो के सजना
देख चुके हम प्यार का सपना
प्रीत है झूठी प्रीतम झूठा
प्रीत है झूठी प्रीतम झूठा
झूटी है सारी नगरिया
मोहे भूल गए साँवरिया भूल गए साँवरिया
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Mohe bhool gaye sanwariya-Baiju Bawra 1952
Artist: Meena Kumari
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