May 6, 2017

हाय हाय हाय गर्मी है-मकसद १९८४

८० का दशक अपने अनूठेपन के लिए याद किया जायेगा.
डिस्को के आगमन के साथ साथ हमें दक्षिण की मसाला
फ़िल्में भी खूब देखने को मिलीं. फिल्मकार दक्षिण के और
कलाकार बॉलीवुड के. हालांकि ये पहले भी होता रहा था
श्वेत श्याम के युग में मगर समय के साथ साथ कथानक
चयन और प्रस्तुतीकरण में काफी बदलाव आये. गीतों में
डब्बे, टीन कनस्तर, गेंदें, बाल्टियाँ, फल सब्जियों के साथ
हमें नायक नायिका उछलते कूदते दिखलाई देने लगे.

इसी दौर में गज़लों का चलन भी बढ़ा और शुद्धतावादी जिन्हें
आम जनता सरफिरा कहती है, थोड़े कन्फ्यूज हो गए क्या
सुनें और उन्होंने बप्पी लहरी के संगीत वाली ऐसी दक्षिण की
फिल्मों और उनके संगीत की शान में कसीदे काढने शुरू कर
दिए. इनमें से अधिकांश में इन्दीवर के लिखे गीत हैं. ऐसे
गीत आम जनता ने खूब पसंद किये और खूब सुने. खास
वर्ग थोडा अपने आप को सुपीरियर समझते हुए आर्ट फिल्मों
से ज्यादा चिपकता है या उन कलात्मक फिल्मों से जिनमें
से अधिकाँश बॉक्स ऑफिस पर ओंधे मुंह गिरती हैं. आज
समय बदल गया है. अब तो कौन सी फिल्म क्या है समझने
के लिए आपको दिमाग खपाना पड़ेगा.

ये घरेलू किस्म का गीत लिखा है इन्दीवर ने जिसमें अब्बा और
अम्मा  दोनों को याद किया गया है. राजेश खन्ना और श्रीदेवी
पर इसे फिल्माया गया है.किशोर के साथ एस जानकी ने इसे
गाया है.





गीत के बोल:

हाय हाय हाय गर्मी है कहाँ है साँसों में
हाय हाय हाय तूफ़ान है अरे कहाँ है सीने में
तू प्यार की बरसात कर उबलने लगा है बदन
अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा
अब्बा ऊ ई आ ऊ ई आ
होए होए होए अग्नि है कहाँ है होंठों में
होए होए होए शोले हैं कहाँ हैं आँखों में
तू प्यार की बरसात कर जलने लगा है बदन
अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा
अब्बा ऊ ई आ ऊ ई आ

दे दे दे दे दे दे प्यार मुझे दे दे
ले ले ले ले ले ले दिल मेरा ले ले
अडिप्पा अडिप्पा अडिप्पा
आ आ आ आ आ आ और पास आ ना
जा जा जा जा जा जा अभी ना सताना
रोज तू मुलाक़ात कर मचलने लगा मेरा मन
अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा
अब्बा ऊ ई आ ऊ ई आ

हाय हाय हाय गर्मी है कहाँ है साँसों में
होए होए होए तूफ़ान है अरे कहाँ है सीने में
तू प्यार की बरसात कर उबलने लगा है बदन
अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा
अब्बा ऊ ई आ ऊ ई आ

किस किस किस किस किस किस उलझन में पढ़ गई
धक् धक् धक् धक् धक् धक् धडकन बढ़ गई
अडिप्पा अडिप्पा अडिप्पा
अरे क्या क्या क्या क्या क्या क्या आँख कहीं लड़ गई
हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ बरछी गड गई
प्यार तू दिन रात कर प्यासा है मेरा जीवन
अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा
अब्बा ऊ ई आ ऊ ई आ

हाय हाय हाय गर्मी है कहाँ है साँसों में
होए होए होए तूफ़ान है अरे कहाँ है सीने में
तू प्यार की बरसात कर उबलने लगा है बदन
अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा अब्बा अम्मा
अब्बा ऊ ई आ ऊ ई आ
…………………………………………………..
Haaye haaye haaye garmi hai-Maqsad 1984

Artists: Rajesh Khanna, Sridevi

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