पापा कहते हैं बड़ा नाम-क़यामत से क़यामत तक १९८८
आप सोच रहे होंगे कौनसा और कैसा दौर. बहुत अरसे के
बाद किसी फ़िल्म को ऐसे पहचाना गया-QSQT. उसके
बाद दौर चल गया लंबे नाम वाली फ़िल्म की ऐसे संक्षिप्त नाम
देकर पहचानने का । आमिर खान की पहली फ़िल्म जो एक
बड़ी हिट फ़िल्म साबित हुई।
नासिर हुसैन के बैनर की काफ़ी अरसे के बाद कोई फ़िल्म हिट
हुई। फ़िल्म ने ६ फ़िल्म फेयर पुरस्कार जीते । सर्वश्रेष्ठ संगीतकार
और गायक का पुरस्कार क्रमशः आनंद-मिलिंद और उदित नारायण
ने जीता। उसके अलावा मिले पुरस्कारों में स्क्रीन प्ले के लिए
नासिर हुसैन को भी पुरस्कार प्राप्त हुआ।
आइये सुनें वही फ़िल्म फेयर विजेता गीत। गीत ध्यान से देखिये।
इस कॉलेज का नाम एक और फ़िल्म में आने वाला है आगे चल
कर एक इसी बैनर की फ़िल्म में आमिर खान नायक हैं ।
गीत के बोल:
दोस्तों, सबसे पहले तो शुक्रिया सेकण्ड इयर स्टूडेंट्स का
जिन्होंने हम फ़ायनल ईयर स्टुडेंट्स के लिए ये शानदार पार्टी दी है।
थैंक्स अ लोट वी विल मिस यू।
हमारे लिए ये कॉलेज का ये आखरी दिन है और मैं ये जानता हूँ
आने वाली ज़िन्दगी के लिए सभी ने कुछ ना कुछ सोच रखा है।
लेकिन मैंने अपने लिए कुछ नहीं सोचा है और आज ,आज मुझे
यही ख्याल आता है ।
पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा
बेटा हमारा ऐसा काम करेगा
मगर ये तो, कोई ना जाने
के मेरी मंज़िल, है कहाँ
बैठे हैं मिलके, सब यार अपने
सबके दिलों में, अरमां ये है
वो ज़िन्दगी में, कल क्या बनेगा
हर इक नजर का, सपना ये है
कोई इंजिनियर का काम करेगा
बिज़नस में कोई अपना नाम करेगा,
मगर ये तो, कोई ना जाने
के मेरी मंज़िल, है कहाँ
मेरा तो सपना, है एक चेहरा
देखे जो उसको, झूमे बहार
गालों में खिलती, कलियों का मौसम
आँखों में जादू, होठों में प्यार
बन्दा ये खूबसूरत काम करेगा
दिल की दुनिया में अपना नाम करेगा,
मगर ये तो, कोई ना जाने
के मेरी मंज़िल, है कहाँ
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Papa kehte hain-Qayamt se qayamat tak 1988
Artist: Aamir Khan
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