सारा मेरा कजरा छुड़ाया तूने-दो दिल १९६४
इतने पुराने हैं। आज भी सुनो तो वैसे ही लगते हैं जैसे नए हों। ये
गीत आरती मुखर्जी और रफ़ी का गाया हुआ युगल गीत है। परदे
पर इसे राजश्री और विश्वजीत पर फिल्माया गया है। बोल लिखे हैं
कैफी आज़मी और संगीत तैयार किया है हेमंत कुमार ने । इस
फ़िल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था।
गीत के बोल:
सारा मेरा कजरा छुड़ाया तूने
गरवा से कैसे लगाया तूने
सारा मेरा कजरा छुड़ाया तूने
गरवा से कैसे लगाया तूने
ओ रसिया, मन बसिया
तीखा तीखा कजरा लगाया तूने
काहे को जगाया जादू तूने
ओ सजनी सुख रजनी
सारा मेरा कजरा छुड़ाया तूने
गरवा से कैसे लगाया तूने
ओ रसिया मन बसिया
तूने प्यास जगा दी
नई आग लगा दी
मेरा अंग अंग जला जाए
ओ सजनी सुख रजनी
ज़रा नैन मिला ले
लगी दिल की बुझा ले
तेरे संग संग कोई आए
तेरा रूप सहा नहीं जाए
सारा मेरा कजरा छुड़ाया तूने
गरवा से कैसे लगाया तूने
कहे सारा ज़माना
मुझे तेरा दीवाना
सदा हार हार तुझे चाहूं
मेरी प्रीत पुरानी
हुयी तेरी दीवानी
पिया बार बार तुझे चाहूं
तेरे अंग....?? का मुझे आए
तीखा तीखा कजरा लगाया तूने
ओ रसिया मन बसिया
मेरे नैन नशीले
मेरे होंठ रसीले
जिया झूम झूम मेरा गाये
ओ सजनी सुख रजनी
ये फिजा भी शराबी
ये हवा भी शराबी
तुझे चूम चूम इधर आए
मुझे दूर कहीं लिए जाए
सारा मेरा कजरा छुड़ाया तूने
गरवा से कैसे लगाया तूने
ओ, तीखा तीखा कजरा लगाया तूने
काहे को जगाया जादू तूने
ओ सजनी सुख रजनी
ओ रसिया, मन बसिया
ओ सजनी सुख रजनी
ओ रसिया, मन बसिया
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Saara mera kajra-Do Dil 1964
Artists: Biswajeet, Rajshri
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