दिल में समा गए सजन-संगदिल १९५२
लता मंगेशकर और तलत महमूद का गाया हुआ ये गीत राजेंद्र कृष्ण
का लिखा हुआ है। इस गीत की धुन बनाई है सज्जाद हुसैन ने और
उनके संगीत निर्देशन में ये एकमात्र युगल गीत है लता मंगेशकर और
तलत महमूद का। ये सदाबहार और अमर युगल गीत है । अभिनेता
दिलीप कुमार और अभिनेत्री मधुबाला पर फिल्माया गया ये गीत बिना
उछल- कूद वाला एक शांत रोमांटिक गीत है ।
गीत के बोल:
आज प्रीत ने तोड़ दी बंधन की दीवार
हार मान के प्रीत से चला गया संसार
दिल में समा गए सजन
फूल खिले चमन चमन
प्यार भी मुस्कुरा दिया
दिल में समा गए सजन
फूल खिले चमन चमन
प्यार भी मुस्कुरा दिया
मस्ती भरी हवा चली
हंसने लगी कली कली
तुम से मुझे मिला दिया
मस्ती भरी हवा चली
हंसने लगी कली कली
तुम से मुझे मिला दिया
दिल में समा गए सजन
फूल खिले चमन चमन
प्यार भी मुस्कुरा दिया
ऐसा बादल गया समा
बदले ज़मीन-ओ-आसमान
ऐसा बादल गया समा
बदले ज़मीन-ओ-आसमान
छोड़ के जब बना लिया
प्यार ने एक नया जहाँ
प्यार ने एक नया जहाँ
आई घटाएं झूम के
नील गगन को चूम के
गम का निशाँ मिटा दिया
पहले कोई खुशी न थी
दिल की कली खिली न थी
तीर ऐ नज़र चला न था
ज़िन्दगी ज़िन्दगी न थी
तेरे कदम की आहटें
बन गई मुस्कुराहटें
मेरा जहाँ बसा दिया
आई जो रुत बहार की
छिड़ गई बात प्यार की
आई जो रुत बहार की
छिड़ गई बात प्यार की
दिल ने तड़प तड़प के फिर
तेरे लिए पुकार की
हो ओ ओ , ओ ओ , ओ ओ ओ , ओ ओ
हो ओ ओ ओ ओ , ओ ओ
तुम भी कहीं से आ गए
धीरे से मुस्कुरा गए
दिल को हँसा हँसा दिया
मस्ती भरी हवा चली
हँसने लगी कली कली
तुम से मुझे मिला दिया
दिल में समा गए सजन
फूल खिले चमन चमन
प्यार भी मुस्कुरा दिया
गम का निशाँ मिटा दिया
दिल को हँसा हँसा दिया
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Dil mein sama gaye sajan-Sangdil 1952
Artists: DIlip Kumar, Madhubala
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