देख हमें आवाज़ न देना-अमर दीप १९५८
१९५८ के फ़िल्म अमरदीप में लता मंगेशकर के गाये
कुछ एकल गीत हैं। युगल गीत जो है वो आशा और
रफ़ी की आवाज़ में है। ये मधुर गीत है और छाया गीत
छाप गीत है जिसका आनंद रात्रि के समय ज्यादा आता
है। देव आनंद और वैजयंतीमाला के ऊपर फिल्माया गया
ये गीत दूरदर्शन के कार्यक्रम चित्रहार में कई बार दिखलाया
गया। बोल हैं राजेंद्र कृष्ण के और संगीत है सी रामचंद्र का ।
गीत के बोल:
देख हमें आवाज़ न देना
देख हमें आवाज़ न देना
ओ बेदर्द ज़माने, ओ बेदर्द ज़माने
आज चले हम छोड़के तुझको
दुनिया नई बसाने, ओ बेदर्द ज़माने
चमका शाम का पहला तारा
चमका शाम का पहला तारा
गगन दुलारा
सबसे पहले उसने देखा प्यार हमारा
सबसे पहले उसने देखा प्यार हमारा
आने वाली रात सुनेगी
आने वाली रात सुनेगी
तेरे मेरे तराने
ओ बेदर्द ज़माने
देख हमें आवाज़ ना देना
ओ बेदर्द ज़माने, ओ बेदर्द ज़माने
दूर कहीं एक पंछी गाये
ये समझाये
दूर कहीं एक पंछी गाये
ये समझाये
प्यार में हो जातें हैं अपने दर्द पराये
प्यार में हो जातें हैं अपने दर्द पराये
दिल की धड़कन क्या होती है
दिल की धड़कन क्या होती है
प्यार करें तो जाने
ओ बेदर्द ज़माने
देख हमें आवाज़ ना देना
ओ बेदर्द ज़माने, ओ बेदर्द ज़माने
आज चले हम छोड़ के तुझको
दुनिया नई बसाने, ओ बेदर्द ज़माने
हम ...
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