खोया खोया चाँद - काला बाज़ार
फिल्म काला बाज़ार का सबसे लोकप्रिय और सबसे लम्बा गीत।
मस्ती भरा ये गीत आज भी वैसा ही ताज़ा सुनाई देता है। परदे
पर गीत फिल्माया गया है देव आनंद पर, जिन्होंने कम से कम
४-५ किलोमीटर की सैर कर ली होगी इसके फिल्मांकन में।
वहीदा रहमान की एक झलक के बाद केमरा देव आनंद को ही
दिखलाता रहता है पूरे गाने में। गीत लिखा है शैलेन्द्र ने और धुन
बनायीं है एस डी बर्मन ने।
गीत के बोल:
खोया खोया चांद, खुला आसमां
आँखों में सारी रात जाएगी
तुमको भी कैसे नींद आएगी, हो हो
खोया खोया चांद, खुला आसमां
आँखों में सारी रात जाएगी
तुमको भी कैसे नींद आएगी, हो हो
खोया खोया चांद
मस्ती भरी, हवा जो चली
मस्ती भरी, हवा जो चली
खिल-खिल गई, ये दिल की कली
मन की गली में है खलबली
कि उनको तो बुलाओ, हो हो हो ओ ओ
खोया खोया चांद, खुला आसमां
आँखों में सारी रात जाएगी
तुमको भी कैसे नींद आएगी, हो हो
खोया खोया चांद
तारे चले, नज़ारे चले
तारे चले, नज़ारे चले
संग-संग मेरे वो सारे चले
चारों तरफ़ इशारे चले
किसी के तो हो जाओ, हो हो हो ओ ओ
खोया खोया चांद, खुला आसमां
आँखों में सारी रात जाएगी
तुमको भी कैसे नींद आएगी, हो हो
खोया खोया चांद
हो हो हो ओ ओ, हो हो हो ओ ओ
ऐसी ही रात, भीगी सी रात
हाथों में हाथ, होते वो साथ
कह लेते उनसे दिल की ये बात
अब तो ना सताओ, हो हो हो ओ ओ
खोया खोया चांद, खुला आसमां
आँखों में सारी रात जाएगी
तुमको भी कैसे नींद आएगी, हो हो
खोया खोया चांद
हम मिट चले, जिनके लिये
बिन कुछ कहे, वो चुप-चुप रहे
कोई ज़रा ये उनसे कहे
न ऐसे आजमाओ, हो हो हो ओ ओ
खोया खोया चांद, खुला आसमां
आँखों में सारी रात जाएगी
तुमको भी कैसे नींद आएगी, हो हो
खोया खोया चांद
खोया खोया चांद
खोया खोया चांद
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