Jun 26, 2009

मेरे महबूब क़यामत होगी-किशोर कुमार १९६४

साठ के दशक में किशोर कुमार के बहुत कम गीत सुनने को मिले। १९६५
तक कोई उल्लेखनीय काम किशोर के खाते में नहीं है। कुछ व्यक्तिगत कारण
हो सकते हैं। एक फिल्म आई १९६५ में - 'मिस्टर एक्स इन बॉम्बे'
इसमें एक गीत है- 'मेरे महबूब क़यामत होगी '। ये गाना बहुत पसंद किया
गया। आज भी ये आपको सुनने को मिल जायेगा। हमेशा जवान गीतों में से एक
है ये। इसमें हिरोइन कुमकुम हैं। हीरो स्वयं किशोर कुमार हैं।
इस गाने से जुडा हुआ किस्सा है एक।

गायक : किशोर कुमार
गीतकार : आनंद बक्षी
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल



गाने के बोल:

मेरे महबूब क़यामत होगी,
आज रुसवा तेरी गलियों में मुहब्बत होगी

मेरी नज़रें तो गिला करती हैं
तेरे दिल को भी सनम तुझसे शिकायत होगी

मेरे महबूब ..........

तेरी गली मैं आता सनम
नगमा वफ़ा के गाता सनम
तुझसे सुना ना जाता सनम

फिर आज इधर आया हूँ मगर
ये कहने मैं दीवाना
ख़त्म बस आज ये वहशत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मुहब्बत होगी

मेरे महबूब ..........

मेरी तरह तू आंहें भरे
तू भी किसी से प्यार करे
और रहे वो तुझसे परे
तूने ओ सनम ढाए हैं सितम
तो ये तू भूल न जाना
के न तुझपे भी इनायत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मुहब्बत होगी

मेरे महबूब ...

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