बदली से निकला है चाँद - संजोग १९६१
सन १९६० की फिल्म है संजोग। फिल्म का नाम शायद बहुत
कम लोगों ने सुना होगा । लेकिन, जैसे ही मुकेश के गए हुए
गाने-भूली हुई यादों का जिक्र होता है फौरन दिमाग में फिल्म
का नाम आ जाता है । वैसे मदन मोहन भक्त ये दावा करते हैं
कि इस फिल्म का सबसे प्रसिद्द गाना "वो भूली दास्तान" है।
संजोग फिल्म में कुछ कर्ण प्रिय गाने हैं. उनमे से एक है
"बदली से निकला है चाँद" । इस गाने को लोकप्रिय बनाने
का श्रेय विविध भारती को जाता है। विविध भारती पर अक्सर
इस गाने का इंस्ट्रुमेंटल बजा करता था । श्रीधर केंकरे का बांसुरी
पर बजाया हुआ । यकीन मानिये वो इंस्ट्रुमेंटल मूल गाने से भी
ज्यादा बढ़िया सुनाई पड़ता है ।
विडम्बना देखिये, अनीता गुहा जैसी प्रतिभाशाली अभिनेत्री को
कुछ ही कर्णप्रिय नग्मे हिंदी फिल्म्स में मिले हैं। अगर यही गाना
किसी और नामचीन अभिनेत्री पर फिल्माया गया होता तो शायद
अमर हो जाता।
गायिका : लता मंगेशकर
गीतकार: राजेंद्र कृष्ण
संगीतकार: मदन मोहन
गीत के बोल :
बदली से निकला है चाँद, परदेसी पिया
लौट के तू घर आ जा , घर आ जा
बदली से निकला है चाँद
पूछे पता तेरा ठंडी हवाएं
चुप मुझे देख के चुप हो जाएँ
लायें तो कैसे तुझे ढूंढ के लायें, हो
ढूंढ के लायें
बदली से निकला......
आ के गुजर गयीं कितनी बहारें
और बरस गयीं कितनी फुहारें
आजा तुझे हम कबसे पुकारें, हो
कबसे पुकारें
बदली से निकला है चाँद, परदेसी पिया
लौट के तू घर आ जा , घर आ जा
बदली से निकला है चाँद
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