सदाबहार नगमे -जलता है जिया मेरा-ज़ख्मी १९७५
गीतों में किया जाता है। ये रीना रॉय की शुरुआती फिल्मों में से एक
है। गाने के कुछ हिस्सों में ऐक्टर और ऐक्ट्रेस दोनों की हेयर-स्टाइल
मिलती जुलती लगती है। राकेश रोशन काफ़ी समय से विग का
इस्तेमाल करते आ रहे हैं। हो सकता है इस गीत में भी उन्होंने विशेष
विग पहना हो।
जींस का चलन हमारे देश में तकरीबन १९८० के आसपास शुरू हुआ।
उस लिहाज़ से राकेश रोशन के कपड़े उस समय के हिसाब से आधुनिक
कहे जा सकते हैं। ७० के दशक में ज्यादा मोरी वाली फुल पेंट का चलन
था । शर्ट की कॉलर भी लम्बी हुआ करती थी। उसी के साथ हिप्पी स्टाइल
के बाल रखने का फैशन था। ऐसी लम्बी मूंछे रखने का चलन था या नहीं
उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
गाने का आनंद उठायें, आलेख काफी हो चुका । मेरी बैटरी भी चुक गई है।
गायक: किशोर, आशा
संगीतकार: बप्पी लाहिरी
गीत के बोल :
जलता है जिया मेरा भीगी-भीगी रातों में
आजा गोरी चोरी-चोरी अब तो रहा नहीं जाए रे
हूँ हूँ, हाय रे हाय रे हाय रे
हे हे जलता है जिया मेरा भीगी-भीगी रातों में,
आ : गुलाबी ये प्याले हैं तेरे हवाले
तू भी दिल की लगी को बुझा ले
फिर ना आए कभी ऐसी रात
फिर ना आए कभी ऐसी रात
कि : जलता है जिया मेरा
पिलाई है तुमने जो प्यासे को शबनम
दिल के शोले भला कैसे हों कम
बन के बादल करो बरसात
बन के बादल करो बरसात
कि : हो हो जलता है जिया मेरा
आ : ना ना अभी ये फ़साना हमें ना सुनाना
देखो राजा क़दम ना बढ़ाना
नहीं छेड़ो ऐसी वैसी बात
नहीं छेड़ो ऐसी वैसी बात
कि : हो जलता है जिया मेरा
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Jalta hai jiya mera-Zakhmi 1975
Artists: Rakesh Roshan, Reena Roy
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