Jul 5, 2009

कच्ची है उमरिया-चार दिल चार राहें १९५९

सौंदर्य प्रधान गीतों की भरमार है हिन्दी फ़िल्म के खजाने में।
इस खजाने को अपने अपने चश्मे से देखते आए हैं फिल्मी
पत्रकार। जिनका ध्यान कुछ खास संगीतकारों और गायकों तक सीमित रहा।
ऐसा ही एक उपेक्षित गाना है फ़िल्म चार दिल चार राहें का।
मीना कपूर ने गाया है. रेडियो सीलोन और कुछ हद तक
आल इंडिया रेडियो की उर्दू सर्विस ने इसको बजाया है।
लोक गीतों को फिल्मी संगीत में शामिल करना और फिल्मी गीत को
लोक गीत का टच देना कोई अनिल बिश्वास से सीखे ।



गीत के बोल

राधा संग खेले होली
गोविन्द
रंग दी चुनरिया चोली
गोविन्द

हे गोविंदा गोविंदा गोविंदा

कच्ची है उमरिया
कोरी है चुनरिया

मोहे भी रंग देता जा
मोहे भी रंग देता जा , मोरे सजना
मोहे भी रंग देता जा

पग मोरे बहके,
अंग मोरे दहके

कभी तो सुध लेता जा
कभी तो सुध लेता जा, मोरे सजना
कभी तो सुध लेता जा

अगन लगाये लगन जगाये
ये मदमाती घडियां

तन भी संभाला,
मन भी संभाला

संभाली न नैनों की घडियां

संभाली न नैनों की घडियां

जाए सभी सखियाँ,
रोये मोरी अँखियाँ

कभी तो सुध लेता जा
कभी तो सुध लेता जा, मोरे सजना
कभी तो सुध लेता जा

कह भी न पाऊँ
रह भी न पाऊँ
प्रीत का दर्द छुपा के
प्रीत का दर्द छुपा के

रंग रस बरसे
जिया मोरा तरसे

तपन बुझा जा आके
तपन बुझा जा आके

चहुँ कुल सुख है
मोहे तोरा दुःख है

कभी तो सुध लेता जा
कभी तो सुध लेता जा, मोरे सजना
कभी तो सुध लेता जा

पग मोरे बहके,
अंग मोरे दहके

कभी तो सुध लेता जा
कभी तो सुध लेता जा, मोरे सजना
कभी तो सुध लेता जा

कच्ची है उमरिया
कोरी है चुनरिया.........
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Kachchi hai umariya-Char dil char raahen  1959

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