तुम्हे याद होगा कभी हम मिले थे - सट्टा बाज़ार १९५९
ये गाना उभर आया- तुम्हे याद होगा कभी हम मिले थे।
कल्याणजी आनंदजी ने फ़िल्म सट्टा बाज़ार से अपना
स्वतंत्र फिल्मी सफर शुरू किया था। इसके पहले उन्होंने
हेमंत कुमार के लिए सहायक के तौर पर काम किया ।
शुरू की कई फिल्मों में उन्होंने हेमंत कुमार से काफ़ी गाने
गवाए। लोग कुछ भी कहते रहें मगर , लता और हेमंत कुमार
के युगल नग्मों में जो अतिरिक्त माधुर्य एवं ओजपूर्ण सादगी
है उसकी बात ही और है। अगर नग्मा दर्द भरा हुआ तो चार
चाँद लगने वाली बात।
इस गाने की खूबी इसकी स्पष्टता और धारा की तरह बहती धुन है।
गाने के बोल:
हेमंत: तुम्हें याद होगा कभी हम मिले थे
तुम्हें याद होगा कभी हम मिले थे
मोहब्बत की राहों में मिलके चले थे
लता: भुला दो मोहब्बत में हम तुम मिले थे
सपना ही समझो के मिलके चले थे
हेमंत: डूबा हुआ हूँ ग़म की गहराईयों में
सहारा है यादों का तन्हाईयों में
डूबा हुआ हूँ ग़म की गहराईयों में
सहारा है यादों का तन्हाईयों में
सहारा है यादों का तन्हाईयों में
लता: भुला दो मोहब्बत में हम तुम मिले थे
सपना ही समझो के मिलके चले थे
लता: कहीं और दिल की दुनिया बसा लो
कसम है तुम्हे वो कसम तोड़ डालो
कहीं और दिल की दुनिया बसा लो
कसम है तुम्हे वो कसम तोड़ डालो
कसम है तुम्हे वो कसम तोड़ डालो
हेमंत: तुम्हें याद होगा कभी हम मिले थे
मोहब्बत की राहों में मिलके चले थे
हेमंत: नए दिल की दुनिया बसा न सकूंगा
जो भूले हो तुम वो भुला न सकूंगा
नए दिल की दुनिया बसा न सकूंगा
जो भूले हो तुम वो भुला न सकूंगा
जो भूले हो तुम वो भुला न सकूंगा
लता: भुला दो मोहब्बत में हम तुम मिले थे
लता: अगर ज़िन्दगी हो अपने ही बस में
तुम्हारी कसम हम न भूलें वो क़समें
अगर ज़िन्दगी हो अपने ही बस में
तुम्हारी कसम हम न भूलें वो क़समें
तुम्हारी कसम हम न भूलें वो क़समें
हेमंत: तुम्हें याद होगा कभी हम मिले थे
मोहब्बत की राहों में मिलके चले थे
लता: भुला दो मोहब्बत में हम तुम मिले थे
सपना ही समझो के मिलके चले थे
भुला दो मोहब्बत में हम तुम मिले थे
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