ये चमन हमारा अपना है -अब दिल्ली दूर नहीं १९५७
शायद इसपर पूरी तरह से अमल करना अभी भी बाकी है। देश प्रेम
का संदेश देता ये गीत फ़िल्म अब दिल्ली दूर नहीं से है। शैलेन्द्र का
लिखा ये गीत आशा भोंसले और गीता दत्त ने गाया है । दत्ताराम ने
इसकी धुन बनाई है जो संगीतकार शंकर जयकिशन के सहायक
रह चुके हैं। राज कपूर ने बच्चों के ऊपर दो फिल्में बनाई और
दोनों लोकप्रिय रहीं । फ़िल्म में सुलोचना मुख्य अभिनेत्री हैं ।
एक ही अभिनेत्री पर दो पार्श्व गायिकाओं की आवाजें सुनने का मौका
हिन्दी फिल्मों में कम ही मिलता है। गीत में आपको बेबी नाज़ और
अमजद खान दिखाई देंगे। फिल्म में मोतीलाल की भी थोड़ी बहुत
भूमिका है और आप उन्हें फिल्म का नायक कह सकते हैं। वैसे
फिल्म का नायक एक बच्चा है।
गाने के बोल:
ये चमन हमारा अपना है
इस देश पे अपना राज है
इस देश पे अपना राज है
मत कहो के सर पे टोपी है
मत कहो के सर पे टोपी है
कहो सर पे हमारे ताज है
कहो सर पे हमारे ताज है
ये चमन हमारा अपना है ...
आती थी एक दिवाली
आती थी एक दिवाली
बरसों में कभी खुशहाली
अब तो हर एक वार, एक त्यौहार है
ये उभरता सँवारता समाज है
ये चमन हमारा अपना ...
ये जान से प्यारी धरती
ये जान से प्यारी धरती
दुनिया की दुलारी धरती
हो , ये अमन का दिया, आँधियों में जला
सारी दुनिया को इस पे नाज़ है
ये चमन हमारा अपना है...
हो, देख लो कहीं ग़म न रहे, कहीं ग़म न रहे
कहीं ग़म न रहे, कहीं ग़म न रहे
हो, रोशनी कहीं कम न रहे, कहीं कम न रहे
कहीं कम न रहे कहीं कम न रहे
सारे संसार की आँख हम पे लगी
अपने हाथों में अपनी लाज है
ये चमन हमारा अपना है
इस देश पे अपना राज है
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