Aug 27, 2009

रात कली एक ख्वाब में आई-बुड्ढा मिल गया १९७१

इस गाने को पहली बार सुनकर हमने अंदाजा लगाया कि
'रातकली' , चम्पाकली की बहन होगी कोई। धीरे धीरे
'रात' और 'कली' का भेद समझ आया और इस गीत का
आनंद ज्यादा हो गया। इसको इतनी बार सुन चुका हूँ कि
इसके बोल स्वतः दिमाग में दौड़ने लगते हैं जैसे ही यह गाना
ध्यान में आता है। नविन निश्चल और अर्चना इस गाने में
आपको दिखाई देंगे। गीत लिखा है मजरूह सुल्तानपुरी ने।
फ़िल्म का सबसे लोकप्रिय गीत। किशोर कुमार भक्तों को
बहुत पसंद है ये गीत। उसके अलावा भी इसके भक्त खूब हैं ।



गाने के बोल:

रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई

सुबह को जब हम नींद से जागे
आंख तुम्ही से चार हुई

रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई

चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत
चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे, मुझको ख़बर नहीं
हो सके तुम्ही बता दो

तुमने कदम को रखा ज़मीन पर
सीने में क्यूँ झंकार हुई

रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई

आँखों में काजल, और लटों में
काली घटा का बसेरा
सांवली सूरत मोहनी मूरत
सावन रुत का सवेरा

जब से ये मुखड़ा दिल में खिला है
दुनिया मेरी गुलज़ार हुई

रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई

यूँ तो हसीनों के, मह्ज़बीनो के
होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के, देखा है जब तुम्हे
तुम लगे और भी प्यारे

बाहों में ले लूँ ऐसा तमन्ना
एक नहीं कई बार हुई

रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई

सुबह को जब हम नींद से जागे
आंख तुम्ही से चार हुई

रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
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Raat kali ek khwab mein aayi-Buddha mil gaya 1971

Artists-Navin Nishchal, Archana

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