Sep 20, 2009

मैं तुझसे मिलने आई-हीरा १९७३

ये है एक सदाबहार युगल गीत, जो अक्सर नवरात्रि पर सुनने को मिला
करता था, क्यूंकि हीरा फ़िल्म के रिकॉर्ड पर एक तरफ़ देवी गीत है तो
दूसरी तरफ़ ये गाना है। वैसे भी ये गाना बहुत लोकप्रिय गीतों में शुमार है।

मन्दिर जाने के बहाने मिलने का आईडिया देता हुआ ये गीत शायद उस
समय के हिसाब से अनूठा था। इसको कल्याणजी आनंदजी ने स्वरबद्ध
किया है गायक हैं लता और रफी।

इस गाने के बोल में कुछ शब्द हैं जो पहले मुझे आकर्षित किया करते थे
- जैसे "बल" और "अटल"। पहलवानी और मजबूत इरादों को दर्शाने वाले
शब्द। सुनील दत्त की गंवई वेशभूषा देख कर लगता है गीतकार ने छाँट
कर ये शब्द गानों में डाले थे। इस गाने की ताल भी मनमोहक है इसलिए
ये गाना सभी लिहाज़ से खूबसूरत है। अंत में ये भी बता दूँ कि इसमे
नायिका आशा पारेख हैं। गीत इन्दीवर ने लिखा है और तबियत से लिखा
है।



गाने के बोल:

मैं तुझसे मिलने आई मन्दिर जाने के बहाने
मैं तुझसे मिलने आई मन्दिर जाने के बहाने

बाबुल से झूठ बोली, सखियों से झूठ बोली
मैं बन गई बिल्कुल भोली

ओ भोली, तू झूठ कहाँ बोली
तू झूठ नहीं बोली
प्यार को ही पूजा कहते हैं प्यार के परवाने

मैं तुझसे मिलने आई मन्दिर जाने के बहाने
मैं तुझसे मिलने आई मन्दिर जाने के बहाने

हो, आँखों में जब तेरी सूरत,
फ़िर कोई मूरत क्या है

हो, आँखों में जब तेरी सूरत,
फ़िर कोई मूरत क्या है
प्यार किया हो जिसने उसे
पूजा की जरूरत क्या है

मैंने सारा जीवन कर दिया तुझको अर्पण
हो गई मैं तेरी मीरा तुझको मान लिया मोहन
न जाने क्या देखा तुझमे नैन हुए दीवाने

मैं तुझसे मिलने आई मन्दिर जाने के बहाने
मैं तुझसे मिलने आई मन्दिर जाने के बहाने

हो, गैर के हाथ में ना दे दे कहीं बाबुल मोरी बैयाँ
हो, गैर के हाथ में ना दे दे कहीं बाबुल मोरी बैयाँ
चाल समय की पहचानो तुम
ख़ुद को बदलो सैयां

किसमे इतना है बल
छू ले जो तेरा आंचल
तू हमारी होगी
अपना दावा है अटल
मोड़ दे तो समय की धारा
ऐसे हैं मस्ताने

मैं तुझसे मिलने आई मन्दिर जाने के बहाने
मैं तुझसे मिलने आई मन्दिर जाने के बहाने
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Main tujhse mile aayi mandir jaane ke bahane-Heera 1973

Artists: Artists: Sunil Dutt, Asha Parekh

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