Sep 25, 2009

मुस्कुरा लाडले-ज़िन्दगी १९६४

फिल्मों में लोरियां और बच्चों वाले गाने समय समय पर शामिल किए
जाते रहे हैं। बिना इसके हम शायद फिल्मों को पूर्ण रूप से पारिवारिक
नहीं मान सकते। एक परिवार का ध्यान का केन्द्र अधिकतर समय बच्चे
हुआ करते हैं। फ़िल्म ज़िन्दगी में एक मधुर गीत है जो मन्ना डे का गाया
हुआ है । ये अनूठा है क्यूंकि हम लोगों की आदत पड़ चुकी है रफी की
आवाज़ राजेंद्र कुमार के साथ जोड़ कर देखने की। फ़िल्म में मुख्य भूमिकाएं
राजेंद्र कुमार, राजकुमार और वैजयंतीमाला की हैं। फ़िल्म में राजेंद्र कुमार
इस बात से अनजान कि वो उसी का बच्चा है, उसके साथ लाड लड़ते हुए
एक गाना गा रहा है-मुस्कुरा लाडले मुस्कुरा । गाना सुखद शुरुआत के बाद
अंत में थोड़ा ग़मगीन हो जाता है इसलिए इसको लोरी नहीं कहा जा सकता।




गाने के बोल:

मुस्कुरा लाडले मुस्कुरा
मुस्कुरा लाडले मुस्कुरा

कोई भी फूल इतना नहीं खूबसूरत
है जितना ये मुखड़ा तेरा

मुस्कुरा लाडले मुस्कुरा
मुस्कुरा लाडले मुस्कुरा

तेरी ये मुस्कान कोई न छीने कभी
और फूल की सेज सोये जवानी तेरी
मालिक से है ये दुआ
है ये दुआ

कोई भी फूल इतना नहीं खूबसूरत
है जितना ये मुखड़ा तेरा

मुस्कुरा लाडले मुस्कुरा.....

तुझको जो देखा वो दिन याद आने लगे
आँखों के बुझते दिए झिलमिलाने लगे

मैं तेरे जैसा ही था
ऐसा ही था

कोई भी फूल इतना नहीं खूबसूरत
है जितना ये मुखड़ा तेरा

मुस्कुरा लाडले मुस्कुरा.....

बचके तू चलना लाडले है बुरा ये जहाँ
बन सांप डसता है अपना ही साया यहाँ
बन सांप डसता है अपना ही साया यहाँ

हर कोई है बेवफा
है बेवफा

कोई भी फूल इतना नहीं खूबसूरत
है जितना ये मुखड़ा तेरा

मुस्कुरा लाडले मुस्कुरा
मुस्कुरा लाडले मुस्कुरा

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