Oct 17, 2009

दोस्त दोस्त न रहा-संगम

संगम फ़िल्म का ये गाना शायद उस फ़िल्म की
सबसे अच्छी धुन पर बनाया गया था। नियति को
कुछ और मंजूर होता है , फ़िल्मफेयर पुरस्कार
दूसरे गाने को मिल गया । इस गाने के पहले तक
लोगों को ये नहीं पता चल पाता था कि संगीतकार
जोड़ी में से किसने कौनसी धुन बनाई। शंकर जयकिशन
के शंकर के बनाये इस गाने को उनके बिगड़ते हुए
सम्बन्ध से जोड़कर भी देखा जाता है। दोस्ती और रिश्तों
के दूसरे पहलुओं पर रौशनी डालता ये गाना मुझे बेहद पसंद है
शायद इसलिए भी की कुछ जगह पर ये गाना मुझे अपने
बीते दिनों की यादें ताजा करवा जाता है।



गाने के बोल:

दोस्त दोस्त न रहा
प्यार प्यार न रहा
ज़िन्दगी हमें तेरा
ऐतबार न रहा,
ऐतबार न रहा

दोस्त दोस्त न रहा
प्यार प्यार न रहा
ज़िन्दगी हमें तेरा
ऐतबार न रहा,
ऐतबार न रहा

अमानतें मैं प्यार की,
गया था जिसको सौंप कर
वो मेरे दोस्त तुम ही थे, तुम्ही तो थे
जो ज़िन्दगी की राह में बने थे हमसफ़र
वो मेरे दोस्त तुम ही थे, तुम्ही तो थे

सारे भेद खुल गए
राजदार न रहा
ज़िन्दगी हमें तेरा
ऐतबार न रहा,
ऐतबार न रहा

गले लगी सहम सहम
भरे गले से बोलती
वो तुम न थी
तो कौन था , तुम ही तो थी
सफर के वक्त में
पलक पर मोतियों को तौलती
वो तुम न थी
तो कौन था , तुम ही तो थी

नशे की रात ढल गई
अब खुमार न रहा
ज़िन्दगी हमें तेरा
ऐतबार न रहा
ऐतबार न रहा

दोस्त दोस्त न रहा
प्यार प्यार न रहा
ज़िन्दगी हमें तेरा
ऐतबार न रहा,
ऐतबार न रहा

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP