Nov 5, 2009

दिल की कहानी कहना तो चाहें- सगाई १९५१

मधुरतम गीतों में से एक है अगला गीत।
फ़िल्म सगाई का गीत १९५१ से आजतक अपनी ताजगी
बरकरार रखे हुए है। सी रामचंद्र की सबसे बढ़िया धुनों में से
एक कह सकते हैं आप इसको। राजेंद्र कृष्ण के बोल हैं
और आवाज़ है लता मंगेशकर के। ये गाना पूर्णिमा नाम
की अभिनेत्री पर फिल्माया गया है जिन्होंने इस फ़िल्म में
शहज़ादी की भूमिका निभाई है।



गाने के बोल:

जरा सी देर थी बाकी ,बहार आने में ,
लगा दी आग मुक़द्दर ने आशियाने में

दिल की कहानी कहना तो चाहें
हाय री किस्मत कह ना सकें

दिल की कहानी कहना तो चाहें
हाय री किस्मत कह न सकें

आँखों से आंसू बहना तो चाहें,
हाय री किस्मत बह न सके

खामोश तारों शब् के नज़ारों
देखो मोहब्बत का अंजाम देखो

खामोश तारों शब् के नज़ारों
देखो मोहब्बत का अंजाम देखो

क़दमों में उनके रहना तो चाहें
हाय री किस्मत रह न सके
क़दमों में उनके रहना तो चाहें
हाय री किस्मत रह न सके

दिल की कहानी कहना तो चाहें
हाय री किस्मत कह न सकें

आँखों में पानी, होंठों पे नाले
मोहब्बत हुई है ग़मों के हवाले
आँखों में पानी, होंठों पे नाले
मोहब्बत हुई है ग़मों के हवाले

एक दिल हमारा, और गम हजारों
हाय री किस्मत, सह न सके
एक दिल हमारा, और गम हजारों
हाय री किस्मत, सह न सके

दिल की कहानी कहना तो चाहें
हाय री किस्मत कह न सकें

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