ये क्या हुआ-नया कदम १९८४
किसी दिन आपके पञ्जाबी ढाबे के मेनू में सरसों के साग के
साथ साम्बर या रसम आ जाये तो आपको थोडा आश्चर्य अवश्य
होगा। राजेश खन्ना को अगर आप एस. पी. बाल्सुब्रमण्यम की
आवाज़ पर होंठ हिलाते देखें तो आपको भी आश्चर्य होना चाहिए।
ये रिस्क कोई उत्तर भारतीय फिल्म निर्माता नहीं लेता और
ना ही कोई आम मुम्बईया संगीतकार। इसमें आशा भोंसले की
आवाज़ है जिसपर श्रीदेवी अभिनय कर रही हैं। आभूषण की नई
डिजाईन और नायिका की ४ फीट लम्बी चोटी इस गाने के मुख्य
आकर्षण हैं । संगीत बप्पी लहरी का है जिन्होंने दक्षिण के निर्माता
निर्देशकों के लिए काफी अनोखे प्रयोग किये हैं। इस फिल्म में
किशोर कुमार का गाया गीत भी है।
ये गीत मधुर है इसलिए इस प्रयोग को सफल कहा जा सकता है.
फिल्म लोकप्रिय थी और इसका नाम है नया कदम । गाने में जितने
गेंदे के फूल शहीद हुए हैं उसका थोडा दुःख जरूर होता है। बोल इन्दीवर
के हैं जिन्होंने अपनी दूसरी पारी में ऐसे गीत बहुत लिखे।
गाने के बोल:
ये क्या हुआ
क्या हुआ
ये क्या हुआ
क्या हुआ
हाथों ने गालों को छुआ
होंठों ने होंठों को छुआ
शरमाये मेरा जिया
अच्छा हुआ जो हुआ
अच्छा हुआ जो हुआ
आँखों ने आँखों को चूमा
साँसों ने साँसों को चूमा
आँखों ने आँखों को चूमा
साँसों ने साँसों को चूमा
प्राणों ने प्राणों को छुआ
ये क्या हुआ
क्या हुआ
मेरे जीवन पर सारे तन पर
प्यार की तूने मोहर लगा दी
तुझको पता क्या मेरी खता क्या
तेरी सोयी प्रीत जगा दी
मन मन मुस्काऊँ
सोचके मैं घबराऊँ
मन मन मुस्काऊँ
सोचके मैं घबराऊँ
धड़का दिया दिल मेरा
अच्छा हुआ जो हुआ
आँखों ने आँखों को चूमा
साँसों ने साँसों को चूमा
प्राणों ने प्राणों को छुआ
ये क्या हुआ
क्या हुआ
होंठों की लाली किसने चुरा ली
पूछेगा हर अपना बेगाना
सबने छुपकर हमने खुलकर
वही किया जो करे ज़माना
आईने से मुहँ छुपाऊँ
याद वो ना भूल पाऊँ
ये कैसा तड़पा दिया
ये क्या हुआ
क्या हुआ
हाथों ने गालों को छुआ
होंठों ने होंठों को छुआ
शरमाये मेरा जिया
अच्छा हुआ जो हुआ
आँखों ने आँखों को चूमा
साँसों ने साँसों को चूमा
प्राणों ने प्राणों को छुआ
ये क्या हुआ
क्या हुआ
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