तेरे चेहरे में वो जादू-धर्मात्मा १९७५
कड़ी से कड़ी जोड़ने में कभी कभी आनंद आता है। अब बात
फिरोज खान तक आ गई है तो उनपर फिल्माया गया एक गीत
देख लिया जाए जो बेहद लोकप्रिय रहा और अभी भी बजता सुनाई
दे जाता है। फ़िल्म है धर्मात्मा । बोल एक बार फिर से इन्दीवर के हैं।
इस बार गायक कलाकार और संगीतकार बादल गए हैं। इसको किशोर
कुमार ने गाया है और इसकी धुन बनाई है कल्याणजी आनंदजी ने।
ये फ़िल्म एक बहुत बड़ी हिट फ़िल्म रही है और इसका संगीत भी
हिन्दी सिनेमा के इतिहास में सबसे सफल एल्बम में गिना जाता है।
किशोर कुमार के कैरिएर में भी ये एक मील का पत्थर जैसा गीत है।
ये फ़िल्म अफगानिस्तान में फिल्माई गई थी । शायद अभिनेत्री का जिक्र
ही रह गया है-वो हैं हिन्दी सिनेमा की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी।
गाने के बोल:
रेशमा ...................
तेरे चेहरे में वो जादू है
बिन डोर खिंचा जाता हूँ
जाना होता है और मगर,
तेरी ओर चला आता हूँ
तेरी ओर चला आता हूँ
तेरे चेहरे में वो जादू है
तेरी हीरे जैसी आँखें,
आंखों में है लाखों बातें
बातों में रस की बरसातें,
मुझमें प्यार की प्यास जगाये
तू जो एक नज़र डाले
जी उठें मरने वाले
लैब तेरे अमृत के प्याले
दिल में जीने की आस बढाएं
चल पड़ते हैं तेरे साथ कदम,
मैं रोक नहीं पाता हूँ
मैं रोक नहीं पाता हूँ
तेरे चेहरे में वो जादू है
जब से तुझको देखा है,
देख के खुदा को माना है
मान के दिल ये कहता है,
मेरी खुशियों का तू है ख़जाना
दे दे प्यार की मंज़ूरी
कर दे कमी मेरी पूरी
तुझसे थोड़ी भी दूरी
मुझको करती है दीवाना
पाना तुझको मुश्किल ही सही,
पाने को मचल जाता हूँ
पाने को मचल जाता हूँ
तेरे चेहरे में वो जादू है
बिन डोर खिंचा जाता हूँ
जाना होता है और मगर,
तेरी ओर चला आता हूँ
तेरी ओर चला आता हूँ
तेरे चेहरे में वो जादू है
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