तुझे बुलायें ये मेरी बाहें-राम तेरी गंगा मैली १९८५
फ़िल्म सन १९८५ की सबसे बड़ी हिट फ़िल्म थी। इसके बाद
अमिताभ बच्चन अभिनीत फ़िल्म 'मर्द' का नम्बर आता है।
एक नई अभिनेत्री मन्दाकिनी जिनका असली नाम यास्मीन रॉय
है , को लेकर बनाई गई यह फ़िल्म काफ़ी चर्चित रही। बहुसितारा फ़िल्म
से कई लोगों को फ़ायदा पहुँचा। कुलभूषण खरबंदा जिनकी गाड़ी
फ़िल्म शान के बाद अटक सी गई थी, आगे बढ़ गई। रज़ा मुराद जो
फिल्मों से गायब से हो गए थे, उनकी भी उपस्थिति इस फ़िल्म के बाद
बढ़ गई। इसके पहले रज़ा मुराद शायद 'एक दूजे के लिए' फ़िल्म में
दिखाई दिए थे। मेरा आशय चर्चित और हिट फिल्मों से है।
राज कपूर केदार शर्मा के असली शिष्य थे। उनकी फिल्मों में
हिरोइन साल दर साल बारिश या झरने में भीगती नज़र आती
रही। इस फ़िल्म में भी एक दृश्य है , यूँ कहिये पूरा गीत ही है।
रवीन्द्र जैन से अच्छी मेहनत करायी गई है इस फ़िल्म के
संगीत के लिए जो हर धुन से स्पष्ट है। इस गीत की दृश्यावली
मनमोहक है।
गाने के बोल:
तुझे बुलायें ये मेरी बाहें
न ऐसी गंगा कहीं मिलेगी
मैं तेरा जीवन
मैं तेरी किस्मत
कि तुझको मुक्ति यहीं मिलेगी
मेरे ही पास तुझे आना है
तेरे ही साथ मुझे जाना है
मेरे ही पास तुझे आना है
तेरे ही साथ मुझे जाना है
गंगा ये तेरी है फ़िर कैसी देरी है
आ जा रे, आ जा रे अब आ भी जा
तू आ भी जा, हो ओ आ भी जा
पहाड़ियों की बुलंदियों से
सभी चनारों के दरमियाँ से
कभी नज़र से कभी जबान से
तुझे पुकारा कहाँ कहाँ से
तू जिसकी खोज में आया है
वो जिसने तुझको बुलाया है
पर्वत के नीचे है
झरने के पीछे है
आ जा रे, आ जा रे अब आ भी जा
तू आ भी जा, हो ओ आ भी जा
कोहरे की चादर लपेटे हूँ
पानी में ख़ुद को समेटे हूँ
कोहरे की चादर लपेटे हूँ
पानी में ख़ुद को समेटे हूँ
बाहों के घेरे में मन के बसेरे में
आ जा रे, आ जा रे अब आ भी जा
तू आ भी जा, हो ओ आ भी जा
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Tujhe bulayen ye meri bahen-Ram teri Ganga maili 1985
Artists: Rajeev Kapoor, Mandakini
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