ओ सजन बीत न जाए सावन-मर्दों वाली बात १९८७
८० के दशक के कर्णप्रिय गीतों में से एक। इस बरसाती गीत में
नायक नायिका दोनों के हिस्से का अभिनय अभिनेत्री ने कर लिया है।
जाया प्रदा इस फ़िल्म की नायिका हैं। जलती हुई आग और बारिश का
अनूठा संगम इस गाने के पहले इतने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया
हो याद नहीं पड़ता मुझे। दृष्यावली सुंदर बन पड़ी है इस गीत की।
जया प्रदा और संजय दत्त बतौर हीरो हिरोइन कुछ फिल्मों में आए हैं।
इस गीत में छायाकार ने जया प्रदा का पूरा अभिनय कौशल दर्शकों
के सामने रख दिया है। वे बेहद प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं। उनका अपना
एक अलग प्रशंसक वर्ग है। उनके सौंदर्य के सत्यजित रे भी मुरीद थे।
इन्दीवर ने राहुल देव बर्मन के साथ बहुत कम काम किया है। ये गीत
फ़िल्म 'मर्दों वाली बात' का सबसे बढ़िया गीत है। फ़िल्म कब आई कब गई
पता नहीं इसलिए इसके गीत भी नहीं सुनाई दिए। इस गीत में आवाजें
आशा भोंसले और एस पी बालसुब्रमण्यम की हैं।
गाने के बोल
ओ सजन ओ सजन
ओ सजन बीत न जाए सावन
जल रहा है तन मन
अंग लगा ले साजन
न जा, न जा, तू आ मिटा
मेरे तन की तड़पन
न जा, न जा, तू आ मिटा
मेरे तन की तड़पन
ओ सजन बीत न जाए सावन
जल रहा है तन मन
अंग लगा ले साजन
न जा, न जा, तू आ मिटा
मेरे तन की तड़पन
न जा, न जा, तू आ मिटा
मेरे तन की तड़पन
धरती भीगी, कलियों के भी बुझते हैं अगन
प्यास मिटी न, आग बुझी न, अब तक जले ये तन
धरती भीगी, कलियों के भी बुझते हैं अगन
प्यास मिटी न, आग बुझी न, अब तक जले ये तन
हे, धडकनों में सरगम, दो दिलों का संगम
प्यार का ये मौसम,
मुझे पता न था सनम,
मांगे तुझे मेरा मन
ओ सजन बीत न जाए सावन
जल रहा है तन मन
अंग लगा ले साजन
न जा, न जा, तू आ मिटा
मेरे तन की तड़पन
न जा, न जा, तू आ मिटा
मेरे तन की तड़पन
तू न जाए पास किसीके इतना प्यार दूँ
तेरे होंठों आँखों पर मैं सब कुछ वार दूँ.
तू न जाए पास किसीके इतना प्यार दूँ
तेरे होंठों आँखों पर मैं सब कुछ वार दूँ.
हे, धडकनों में सरगम, दो दिलों का संगम
प्यार का ये मौसम,
मुझे पता न था सनम,
मांगे तुझे मेरा मन
ओ सजन बीत न जाए सावन
जल रहा है तन मन
अंग लगा ले साजन
न जा, न जा, तू आ मिटा
मेरे तन की तड़पन
न जा, न जा, तू आ मिटा
मेरे तन की तड़पन
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