मैं दीवाना मस्ताना-फोर्टी डेज़ १९५९
अपने सारे गम और ये भी कि जो फिल्म वो देख रहा है
उससे पैसे वसूल हो रहे हैं या नहीं. ये तो उस ज़माने में
होता था जब व्यक्ति समय निकाल कर अपने घर से दूर
सिनेमा हॉल जाया करता था फिल्म देखने.
उसके बाद के युग में आया बी सी आर जिससे पिक्चर
देखने हेतु इधर उधर की आवाजाही की परेशानी बची.
इसको एक वीडियो लायब्रेरी वाला बीबी सी यार भी कहा
करता था. उसकी वैलिड वजह भी थी उसके पास-दोनों
में कोनू फरक नोई. दोनोई बकर-बकर करत हैं.
सुनते हैं फिल्म ४० डेज़ अर्थात ४० दिन से मुकेश का
एक लोकप्रिय गीत जिसका संगीत किसी नामचीन म्युज़िक
डायरेक्टर ने नहीं तैयार किया है. गीत अलबत्ता ख्यातनाम
शायर का लिखा हुआ है.
गीत के बोल:
मैं दीवाना मस्ताना
ओ मुश्किल भेद मेरा पा जाना
मैं दीवाना मस्ताना
मैं दीवाना मस्ताना
ओ मुश्किल भेद मेरा पा जाना
मैं दीवाना मस्ताना
दुनिया मेरी ठोकर में
तूफ़ां क़ैद मेरे सागर में
तूफ़ां क़ैद मेरे सागर में
सारा ज़माना मेरा निशाना
सारा ज़माना मेरा निशाना
खेल नहीं मुझसे टकराना
मुश्किल भेद मेरा पा जाना
मैं दीवाना मस्ताना
चर्चे मेरे पनघट पर
रोके राह मचल के दिलबर
मस्त जवानी मेरी दीवानी
मस्त जवानी मेरी दीवानी
हुस्न मुझे दिल दे नज़राना
मुश्किल भेद मेरा पा जाना
मैं दीवाना मस्ताना
दुश्मन झूठे यारों का
सच्चा यार वफ़ादारों का यारों
सच्चा यार वफ़ादारों का
तोड़ दे पत्थर जोश में आ कर
तोड़ दे पत्थर जोश में आ कर
ये दिल का नाज़ुक पैमाना
मुश्किल भेद मेरा पा जाना
मैं दीवाना मस्ताना
मैं दीवाना मस्ताना
ओ मुश्किल भेद मेरा पा जाना
मैं दीवाना मस्ताना
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Main deewana mastana-40 Days 1959
Artist: Premnath, a beautiful horse
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