Jan 27, 2010

ना जिया लागे ना-आनंद १९७०

संगीत भाषा और जाति के बंधनों से परे है। ध्वनि कैसी भी हो,
आपको आनंदित कर सकती है। इसका एक उदाहरण आपको देता हूँ।
फिल्म आनंद में एक गीत है लता की आवाज़ में-ना जिया लागे ना।
संगीतकार हैं सलिल चौधरी । सलिल ने बंगला भाषा में भी एक गीत
गवाया है लता से इसी धुन पर। मुझे बंगाली धुन ज्यादा पसंद आती है
जिसका कोई ठोस कारण मुझे समझ नहीं आया, क्यूंकि बंगाली भाषा
मुझे ना के बराबर आती है। गीत का आनंद लीलिए। सुमिता सान्याल
नामक अभिनेत्री पर इसे फिल्माया गया है। गीतकार हैं योगेश।




गीत का बंगाली भाई इधर है:



गीत के बोल:

ना जिया लागे ना
तेरे बीना मेरा कहीं जिया लागे ना
ना जिया लागे ना
तेरे बिना मेरा कहीं जिया लागे ना
ना जिया लागे ना

जीना भूले थे कहाँ याद नहीं
तुझको पाया है जहाँ, सांस फिर आई वहीँ
जीना भूले थे कहाँ याद नहीं
तुझको पाया है जहाँ, सांस फिर आई वहीँ
ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी तेरे सिवा हाय भये ना
ना जिया लागे ना
तेरे बिना मेरा कहीं जिया लागे ना
ना जिया लागे ना

ना जिया लागे ना
पिया तेरी बावरी से रहा जाए ना
पिया तेरी बावरी से रहा जाए ना

तुम अगर जाओ कभी जाओ कहीं
वक़्त से कहना ज़रा वो ठहर जाए वहीँ
तुम अगर जाओ कभी जाओ कहीं
वक़्त से कहना ज़रा वो ठहर जाए वहीँ
वोह घडी
वोह घडी वहीँ रहे ना जाए ना
ना जिया लागे ना
तेरे बिना मेरा कहीं जिया लागे ना
ना जिया लागे ना
..................................................................
Naa jiya lage naa-Anand 1971

Artist: Sumita Sanyal

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP