तुमरे संग तो रैन बिताई -सगीना १९७४
फिल्म देखने के पहले तक यही लगता रहा कि काका-काकी, अर्थात
राजेश खन्ना और कोई उनकी हिरोइन पर फिल्माया गया गीत है।
उस भ्रम  की एक बड़ी वजह लता और किशोर के युगल गीत अधिकतर
राजेश खन्ना पर फिल्माए गए हैं।  फिल्म देखने पर आश्चर्य हुआ क्यूंकि
इसमें नायक नायिका दिलीप कुमार और सायरा बानो हैं।  फिल्म के
संगीत निर्देशक सचिन देव बर्मन हैं।  दिलीप कुमार पर किशोर की
आवाज़ एकदम फिट बैठ रही है इधर।  देसी खुसबू वाला ये मधुर गीत
मजरूह सुल्तानपुरी की कलम से निकला है।  गीत देखने में भी आनंद
देता है और अगर दिलीप कुमार और सायरा बानो आज भी इस गीत को
देखने तो उनको भी आनंद आएगा।  थोडा हास्य भाव से भरा ये गीत
फिल्म सगीना से हैं जो सन १९७४  में आई थी।
गीत के बोल:
जोर चले ना बस में मोर जिया
जतन बता मैं का करूं
ओ रे बेदर्दी, सैयां
तुमरे संग तो रैन बिताई
कहाँ बिताऊँ दिन
तुमरे संग तो रैन बिताई
कहाँ बिताऊँ दिन
हम्म, रैन का सपना बीत गया
अब दिन में तारे गिन
हो, तुमरे संग तो रैन बिताई
कहाँ बिताऊँ दिन
तुमरे संग तो रैन बिताई
कहाँ बिताऊँ दिन
हम्म, रैन का सपना बीत गया
अब दिन में तारे गिन
हे, तारे गिन गिन के बरस भये सोलह
हे, कैसे दीवाने पे दिल तोरा  डोला
हे, तारे गिन गिन के बरस भये सोलह
हे, कैसे दीवाने पे दिल तोरा  डोला
आग लगाइके हाय रे जुल्मी बनता है भोला
आग लगाइके हाय रे जुल्मी बनता है भोला
रोग विकट है प्रेम का पगली, तरसेगी निस दिन
हो चढ़ी जवानी सही ना जाए रसिया तोहरे बिन
तुमरे संग तो रैन बिताई
कहाँ बिताऊँ दिन
हे, गोरी, गोरी फँसी जइहो पहिन मोरा कंगना
हे, फिर भी मटकते फिरूंगी तोरे अंगना
गोरी फँसी जइहो पहिन मोरा कंगना
फिर भी मटकते फिरूंगी तोरे अंगना
काहे मेरे संग चाहे काँटों पे चलना
तुमरे संग तो रैन बिताई
कहाँ बिताऊँ दिन
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Tumre sang to rain bitayi-Sagina 1974
 
 
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