तेरी आँखों के सिवा दुनिया में-चिराग १९६९
सब गीतकारों और शायरों का अंदाज़ जुदा जुदा है इस मामले में।
दिन की चाल को आँखों से जोड़ के देखने का ये नजरिया जनता को
बेहद पसंद आया। गीत फिल्माया गया है सुनील दत्त और आशा पारेख
पर।
ये युगल गीत है जिसकी धुन बनाई है मदन मोहन ने। बोल हैं
मजरूह के जिनको स्वर दिया है रफ़ी और लता मंगेशकर ने।
गाने के बोल:
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
ये उठें सुबह चले, ये झुकें शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हँसते हुए
हैं मेरे ख्वाबों के क्या-क्या नगर इनमें बसते हुए, हो ओ
पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हँसते हुए
हैं मेरे ख्वाबों के क्या-क्या नगर इनमें बसते हुए
ये उठें सुबह चले, ये झुकें शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
इनमें मेरे आनेवाले ज़माने की तस्वीर है
चाहत के काजल से लिखी हुई मेरी तक़दीर है, हो ओ
इनमें मेरे आनेवाले ज़माने की तस्वीर है
चाहत के काजल से लिखी हुई मेरी तक़दीर है
ये उठें सुबह चले, ये झुकें शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
ये हो कहीं इनका साया मेरे दिल से जाता नहीं
इनके सिवा अब तो कुछ भी नज़र मुझको आता नहीं
ये हो कहीं इनका साया मेरे दिल से जाता नहीं
इनके सिवा अब तो कुछ भी नज़र मुझको आता नहीं
ये उठें सुबह चले, ये झुकें शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
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Teri aankhon ke siwa(male)-Chirag 1969
Artists: Suni Dutt, Asha Parekh
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