फुदक फुदक कर ना चल-आगे की सोच १९८७
फ़िल्मी गीतों में शब्दों का अनूठा प्रयोग सोच विचार करने पर मजबूर
करता है। चिडियाएँ फुदकती हैं और हीरोईनें ठुमकती हैं बस इतना
सा फर्क है।
कोई हलकी फुलकी अभिनेत्री के लिए ये शब्द इस्तेमाल किया गया होता
तो समझ आता, मगर दादा कोंडके की फिल्म-आगे की सोच में वे एक
गीत गा रहे हैं जिसमे नायिका की लम्बाई उनसे बहुत ज्यादा है। लम्बी
हीरोइन का वज़न भी थोड़ा ज्यदा हो होगा स्वभाविक तौर पर।
हीरोइन का नाम स्वप्ना है और वे कुछ एक हिंदी फिल्मों में दिख कर
गायब हो गयीं। गीत लिखा है बालकिशन पुरी ने और धुन बनाई है
राम लक्ष्मण ने जिसे गा रहे हैं उषा मंगेशकर और किशोर कुमार।
गीत के बोल:
फुदक फुदक के
फुदक फुदक के ना चल गोरी
तेरे पैरों में आएगी मोच
ओ, तेरे पैरों में आएगी मोच
ज़रा आगे कि सोच
सोच मेरी बुलबुल , आगे की सोच
हो ओ हो ओ आगे की सोच
सोच मेरी बुलबुल, आगे की सोच
ओ गाड़ीवाले
ओये ओये
ओ गाड़ीवाले, छैल छबीले
बैयाँ में यूँ ना दबोच
हो मुझे बैयाँ में यूँ ना दबोच
ज़रा आगे की सोच
सोच मेरे छैला, आगे की सोच
अरे अरे अरे अरे, आगे की सोच
सोच मेरे छैला, आगे की सोच
तेरी जवानी उफ़ यूँ माँ
दे दे ना रानी एक चुम्मा
चू चू चुम्मा, चू चू
तेरी जवानी उफ़ यूँ माँ
दे दे ना रानी एक चुम्मा
पक्के अनार पे जंगल का तोता
मरेगा अपनी चोंच
चोंच ?
आगे की सोच, सोच मेरी बुलबुल,
हो ओ हो ओ, आगे की सोच,
सोच मेरी बुलबुल, आगे की सोच
दिल की बीमारी अच्छी नहीं
फ़ोकट में मर ना जाऊं कहीं
हाय, हाय, हाय, हाय
दिल की बीमारी अच्छी नहीं
फ़ोकट में मर ना जाऊं कहीं
बाली उमरिया, पतली कमरिया
बदन में मेरे है लोच
लोच ?
आगे की सोच, सोच मेरे छैला
आगे की सोच, ए ए ए
आगे की सोच, सोच मेरे छैला
आगे की सोच
अरी क्या खाएगी पटरानी
अंडा दूं या बिरयानी
क्या खाएगी पटरानी
अंडा दूं या बिरयानी
ये खाना कोई नया नहीं है
खाती हूँ मैं हर रोज़
रोज़ ?
आगे की सोच, सोच मेरे छैला
आगे की सोच, अरे अरे अरे अरे
आगे की सोच, सोच मेरे छैला
आगे की सोच
अर्र रा रा रा रा रा रा
फुदक फुदक के ना चल गोरी
तेरे पैरों में आएगी मोच
ओ, तेरे पैरों में आएगी मोच
ज़रा आगे की सोच
सोच मेरी बुलबुल , आगे की सोच
हो हो हो हो, आगे की सोच
सोच मेरी बुलबुल , आगे की सोच
आगे की सोच
आगे की सोच
आगे की सोच
आगे की सोच
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Phudak phudak kar na chal-Aage ki soch 1987
Artists: Dada Kondke, Swapna
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