जगमग जगमग सी महफ़िल में-दर्द १९८१
फिल्म दर्द से एक और गीत याद आ गया। लगे हाथ वो
भी देख लीजिये। मस्ती वाला गीत है ये और फिल्म में
शादी के रिसप्शन के अवसर पर गाया जा रहा है। पंजाबी
फ्लेवर वाला गीत खय्याम की विशेषता है और हर दूसरी
फिल्म में वे कोशिश करते हैं की एक पंजाबी धुन एल्बम
में डाली जाए। खय्याम यूँ भी पंजाबी मूल के ही हैं। जैसे जब
राहुल देव बर्मन कव्वालियाँ बनाते थे तो अलग पहचान में
आते थे वैसे ही खय्याम की पंजाबी धुनें अलग से पहचानी
जा सकती हैं।
गीत के बोल:
जगमग जगमग सी महफ़िल में
नाच उठे अरमान
दिल ने गीत ख़ुशी का छेड़ा
महफ़िल हुई जवान
ओ महफ़िल तां सजदी
तां सजदी जे नचे मुंडे दी माँ
महफ़िल तां सजदी
तां सजदी जे नचे मुंडे दी माँ
ओ महफ़िल तां सजदी, हो
दिल से दिल का जब याराना हो जाए
कैसे ना हर ख्वाब सुहाना हो जाए
चुपके चुपके जब भी तेरी आँखों से
आंख मिले तो प्यार दीवाना हो जाए
जी चाहे मैं तुझपे सदके
जी चाहे मैं तुझपे सदके कर दूं अपनी जान
महफ़िल तां सजदी
तां सजदी जे नचे मुंडे दी माँ
महफ़िल तां सजदी
तां सजदी जे नचे मुंडे दी माँ
ओ महफ़िल तां सजदी, हो
पल पल हुआ सुनहरा मेरे जीवन का
मेरी पलकों में है सपना दुल्हन का
तू जिस रोज़ चली आएगी घूंघट में
नया सवेरा होगा मेरे आँगन का
जानूं दिल से हो जाऊंगी
जानूं दिल से हो जाऊंगी, तुझपे कुर्बान
ओ, महफ़िल तां सजदी
तां सजदी जे नचे मुंडे दी माँ
ओ, महफ़िल तां सजदी
तां सजदी जे नचे मुंडे दी माँ
महफ़िल तां सजदी, हो
ममता के दामन में खुशियाँ लहरायें
मेरे संग संग नाचें मेरी आशाएं
हर मौसम इन दो फूलों में रंग भरे
दिल से यही दुआ होंठों पर आये
फूले फले दिलों का गुलशन
फूले फले दिलों का गुलशन महका रहे समा
महफ़िल तां सजदी
तां सजदी जे नचे मुंडे दी माँ
महफ़िल तां सजदी
तां सजदी जे नचे मुंडे दी माँ
महफ़िल तां सजदी
ऐसी माँ और ऐसी ममता
ऐसी माँ और ऐसी ममता सबको मिले कहाँ
महफ़िल तां सजदी
तां सजदी जे नचे मुंडे दी माँ
महफ़िल तां सजदी
तां सजदी जे नचे मुंडे दी माँ
महफ़िल तां सजदी, हो
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