खायेगी ठोकरें ये जवानी-मिर्ज़ा साहिबान १९४७
फिल्म: मिर्ज़ा साहिबान
वर्ष: १९४७
संगीत : पं. अमरनाथ
गीतकार: कमर जलालाबादी
गायक : जी एम् दुर्रानी
कलाकार : नूरजहाँ, त्रिलोक कपूर, गुलाब, गोप
गीत के बोल:
खायेगी ठोकरें ये जवानी कहाँ कहाँ
खायेगी ठोकरें ये जवानी कहाँ कहाँ
बदनाम होगी मेरी कहानी कहाँ कहाँ
बदनाम होगी मेरी कहानी कहाँ कहाँ
ओ रोने वाले अब तेरा दामन भी फट गया
ओ रोने वाले अब तेरा दामन भी फट गया
पहुँचेगी आँसुओँ की रवानी कहाँ कहाँ
पहुँचेगी आँसुओँ की रवानी कहाँ कहाँ
खायेगी ठोकरें ये जवानी कहाँ कहाँ
जिस बाग़ पर निगाह पड़ी वो उजड़ गया
जिस बाग़ पर निगाह पड़ी वो उजड़ गया
बरसाम अपनी आँख का पानी कहाँ कहाँ
बरसाम अपनी आँख का पानी कहाँ कहाँ
खायेगी ठोकरें ये जवानी कहाँ कहाँ
फ़रियाद लब पे आंख में आंसू
जिगर में दाग
हमने छिपाई तेरी निशानी कहाँ कहाँ
हमने छिपाई तेरी निशानी कहाँ कहाँ
खायेगी ठोकरें ये जवानी कहाँ कहाँ
बदनाम होगी मेरी कहानी कहाँ कहाँ
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