दाने दाने पे लिखा है-बारिश १९५७
दाने दाने पे लिखा है खाने वाले का नाम-इस कहावत को दोहराता
ये गीत फिल्म बारिश में है जो सन १९५७ की फिल्म है। इस गीत को
लिखा है राजेंद्र कृष्ण ने और धुन बनाई है सी रामचंद्र ने। गीत स्वयं
सी रामचंद्र ने गाया है जो चितलकर के नाम से गया करते थे। परदे
पर होंठ हिला रहे हैं देव आनंद जिनको अधिकतर आपने किशोर के
गीतों पर होंठ खिलते और गर्दन हिलाते हुए देखा होगा। गीत के शुरू में
बजने वाला मोउथ ओरगन का टुकड़ा आपको 'आना मेरी जान सन्डे
के सन्डे" की याद दिलाएगा। पतंग कबूतर, नदी का किनारा, निरमा के
अंडरवेअर, बनियान सभी कुछ है इस गीत में।
गीत के बोल:
दाने दाने पे लिखा है खाने वाले का नाम
लेने वाले करोड़ देने वाला एक राम
दाने दाने पे लिखा है खाने वाले का नाम
लेने वाले करोड़ देने वाला एक राम
कोई कितना अमीर हो या कितना गरीब
खाए उतना ही जितना है उसका नसीब
कोई कितना अमीर हो या कितना गरीब
खाए उतना ही जितना है उसका नसीब
आगे मालिक के चलता नहीं कोई दाम
लेने वाले करोड़ देने वाला एक राम
दाने दाने पे लिखा है खाने वाले का नाम
लेने वाले करोड़ देने वाला एक राम
तेरी किस्मत की लिखी हुयी है किताब
तेरे एक एक दिन का है उसमे हिसाब
तेरी किस्मत की लिखी हुयी है किताब
तेरे एक एक दिन का है उसमे हिसाब
तेरे बस में ना सुबह है ना तेरी शाम
लेने वाले करोड़ देने वाला एक राम
दाने दाने पे लिखा है खाने वाले का नाम
लेने वाले करोड़ देने वाला एक राम
कभी गर्मी की मौज कभी बारिश का रंग
ऐसे चक्कर को देख सारी दुनिया है दांग
कभी गर्मी की मौज कभी बारिश का रंग
ऐसे चक्कर को देख सारी दुनिया है दांग
चाँद सूरज ज़मीन सब उसके गुलाम
लेने वाले करोड़ देने वाला एक राम
दाने दाने पे लिखा है खाने वाले का नाम
लेने वाले करोड़ देने वाला एक राम
लेने वाले करोड़ देने वाला एक राम
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