दिल काँटों में उलझाया है-बारूद १९७६
कहा जाता है सचिन देव बर्मन की जवानी ४० की उम्र के बाद
शुरू हुई। इसका अभिप्राय अन्यथा ना ले लें। जवानी से मतलब
बतौर संगीतकार उनकी पारी ४० की उम्र के आसपास शुरू हुई। जब
अक्सर जनता की बैटरी ४० आते आते चुकने लगती है तब उसकी
क्रियाशीलता भी थोड़ी मंद पड़ने लगती है, उस समय अगर किसी
व्यक्ति की प्रतिभा उफान पर आये तो अचम्भा अवश्य होता है। हम
यहाँ साहित्यकारों की बात नहीं कर रहे हैं जो अधिकांश डुकरियाने या
सठियाने के बाद ही कालजयी कृतियों की रचना करते हैं।
सचिन देव बर्मन के बारे में किस्सा ही अलग है। बतौर गायक उन्होंने
अपनी छाप बहुत पहले छोड़ना शुरू कर दिया था। उल्लेखनीय बात ये है की
वे उन चुनिन्दा शख्सियत में हैं जो अपने जीवन के अंतिम समय तक
शीर्ष पर बने रहे। ७० के दशक में वे संगीत के मामले में अपने पुत्र को
टक्कर सी देते प्रतीत होते थे। जहाँ राहुल देव बर्मन की ४-५ फ़िल्में आया
करती वहीँ सचिन देव बर्मन १ ही फिल्म के संगीत से छा जाया करते।
ये परस पत्थर वाला स्पर्श का अनुभव राहुल देव बर्मन के संगीत में नहीं
महसूस हो पाया। हालाँकि पंचम स्वयं एक गुणी एवं प्रगतिशील संगीतकार
थे मगर किस्मत शायद उनसे हमेशा रूठी रही। उनको अपने पिता की तरह
लगातार चर्चा में बने रहने का सौभाग्य नहीं मिला।
चलिए इस चर्चा को यहीं रोकते हुए गीत के बारे में कुछ कहा जाए। कुछ ही
गीत फिल्मों में ऐसे मिलेंगे आपको जिसमे हीरो हिरोइन दोनों के गाल लाल
सेब की तरह सुर्ख दिखाई दें। ऋषि कपूर और शोमा आनंद इस गीत में आपको
लाल लाल दिखाई देंगे। हवा में कलाबाजी खाते हुए शोमा आनंद एक गीत गा
रही हैं। वे शायद अपने पूरे कैरियर में इतनी सुन्दर और किसी गीत में नहीं
दिखाई दी होंगी, ये मेरा अनुमान है। जनता की राय भिन्न हो सकती है इस
मामले में। बारूद सचिन देव बर्मन की अंतिम फिल्मों में से एक है। गीत
लिखा है आनंद बक्षी ने और आवाज़ है लता मंगेशकर की।
गीत के बोल:
दिल काँटों में उलझाया है
की एक दुश्मन पे प्यार आया है
दिल काँटों में उलझाया है
कि एक दुश्मन पे प्यार आया है
शोला शबनम में लहराया है
कि एक दुश्मन पे प्यार आया है
दिल काँटों में
जादू सा तन में लगा है
मौसम बदलने लगा है
जादू सा तन में लगा है
मौसम बदलने लगा है
लगता है मेरे सीने से
दिल बहार निकलने लगा है
शीशा पत्थर से टकराया है
कि एक दुश्मन पे प्यार आया है
दिल काँटों में उलझाया है
कि एक दुश्मन पे प्यार आया है
दिल काँटों में
ना पास आने दिया है
ना दूर होने दिया है
ना पास आने दिया है
ना दूर होने दिया है
ना होंठों को हंसने दिया है
ना आँखों को रोने दिया है
बड़ा ज़ालिम ने तड़पाया है
कि एक दुश्मन पे प्यार आया है
दिल काँटों में उलझाया है
कि एक दुश्मन पे प्यार आया है
दिल काँटों में
ऐसा सितमगर कैसे
सैयां बना रे ना जाने
जब तक हो सका ये हमसे
हम रूठे रहे नहीं माने
यही गुस्सा ये रंग लाया है
कि एक दुश्मन पे प्यार आया है
दिल काँटों में उलझाया है
कि एक दुश्मन पे प्यार आया है
शोला शबनम में लहराया है
कि एक दुश्मन पे प्यार आया है
दिल काँटों में
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