साथी रे गम नहीं करना-इकरार १९७९
राकेश रोशन और रामेश्वरी की जोड़ी ?? चौंक गए ना। उसपर
राकेश रोशन रफ़ी की आवाज़ पे होंठ हिलाए तो थोडा चौंकना
स्वाभाविक है। राकेश रोशन को अधिकतर किशोर के गाये गाने
मिले हैं। ये थोडा अलग सा गीत है जो फिल्म आने के आस पास
रेडियो पर बहुत बजा करता था। उसके बाद ये एकदम से बजना
बंद हो गया। गीत कर्णप्रिय है और बप्पी लहरी ने इसकी धुन बनाई
है। फिल्म ज्यादा नहीं चली थी इसलिए जनता इसे देखने से लम्बे
समय तक वंचित रही। फिल्म की वी सी डी बाज़ार में आने के बाद
ही अधिकांश को इसे देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। रामेश्वरी फिल्मों
में अपनी घरेलू लड़की की सूरत के चलते ज्यादा नहीं दिखाई दीं।
पारिवारिक फिल्म 'दुल्हन वही जो पिया मन भाए' जैसी सफलता
उनको आगे फिर कभी देखने को नहीं मिली। ये एक प्रेरणादायक
गीत है जिसे आप महसूस करेंगे इसको सुनने के बाद।
गीत के बोल:
साथी रे गम नहीं करना
जो भी हो आहें ना भरना
साथी रे गम नहीं करना
जो भी हो आहें ना भरना
जीवन है एकतारा
जिसका हर सुर प्यारा
साथी रे गम नहीं करना
जो भी हो आहें ना भरना
दुःख सुख तो है धन की छाया
रमता जोगी बहता पानी
बीते कल का सोग मानना
रोग लगाना है नादानी
हाथों में हाथ ले
हाथों में हाथ दे
पार हो जीवन धारा
साथी रे गम नहीं करना
चार घडी का झोंका है बस
गहरी काली रात का डेरा
आज तो सूरज डूब रहा है
फिर आएगा लेके सवेरा
हाथों में हाथ ले
हाथों में हाथ दे
पार हो जीवन धारा
साथी रे गम नहीं करना
फूल की माना उम्र है थोड़ी
जितनी भी है महक भरी है
वैसे ही तू हंस के जी ले
जीवन तेरा जो बाकी है
हाथों में हाथ ले
हाथों में हाथ दे
पार हो जीवन धारा
ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला
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