कोई गाता मैं सो जाता-आलाप १९७७
सन ७७ में अमिताभ बच्चन दो गीतों में दाढ़ी लगाये हुए दिखाई दिए।
१) माय नेम इज अन्थोनी-अमर अकबर अन्थोनी, और
२) कोई गाता मैं सो जाता-आलाप। इनमे से पहला गीत
सुपर डुपर हिट हुआ। दूसरा गीत आम जनता को हजम नहीं हुआ।
फिल्म आलाप एक लीक से हटकर बनी हुई फिल्म थी। ये गीत
सुनने लायक गीत है और येसुदास के गाये उत्तम गुणवत्ता वाले
हिंदी गीतों में आता है। संगीतकार जयदेव ने अच्छा संगीत
तैयार किया फिल्म के लिए मगर सन ७७ के रोमांटिक/मार धाड़
के मिश्रण वाली फिल्मों के दौर में फिल्म आलाप कहीं गुम सी हो
गयी। गीत लिखा है हरिवंश राय बच्चन ने। फिल्म संजीदा
किस्म की है जिसका निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया है।
गाने के बोल:
कोई गाता मैं सो जाता
कोई गाता मैं सो जाता
कोई गाता मैं सो जाता
कोई गाता
संस्कृति के विस्तृत सागर में
संस्कृति के
संस्कृति के विस्तृत सागर में
सपनों की नौका के अंदर
दुख सुख की लहरों में उठ गिर
बहता जाता, मैं सो जाता
कोई गाता मैं सो जाता
कोई गाता
आँखो में भर कर प्यार अमर
आँखो में
आँखो में भर कर प्यार अमर
आशीष हथेली में भर कर
कोइ मेरा सर गोदी में रख
सहलाता, मैं सो जाता
कोई गाता मैं सो जाता
कोई गाता
मेरे जीवन का कारा जल
मेरे जीवन का हालाहल
मेरे
मेरे जीवन का कारा जल
मेरे जीवन का हालाहल
कोइ अपने स्वर में मधुमय कर
बरसाता, मैं सो जाता
कोइ गाता मैं सो जाता
कोई गाता मैं सो जाता
मैं सो जाता
मैं सो जाता
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