Apr 28, 2010

बाजे पायल छुन छुन-छलिया १९६०

मनमोहन देसाई ने अपना निर्देशन का फ़िल्मी कैरियर शुरू किया
फिल्म 'जनम जनम के फेरे' से मगर उनको पहचान मिली फिल्म
छलिया से जो सन १९६० में आई थी। वे बतौर सहायक निर्देशक
पूर्व में राज कपूर के साथ काम कर चुके थे। मनमोहन देसाई पर
हम चर्चा करते रहेंगे समय समय पर । फिलहाल इस गीत और
जिस फिल्म से इसे लिया गया है उसपर कुछ पढ़ा जाये।

फिल्म में राज कपूर के साथ नूतन मौजूद हैं। प्रस्तुत गीत नूतन
पर ही फिल्माया गया है। एक विलायती धुन से प्रेरित यह गीत
कर्णप्रिय है और इसको लता मंगेशकर ने गाया है। गीत में आपको
नायिका और उसकी सहेलियां बैलगाड़ी की सवारी करती दिखलाई
देंगी। गीतों को विभिन्न श्रेणियों में रखने वालों के लिए जानकारी-
इस गीत को हम बैलगाड़ी गीत कह सकते हैं।

८० के दशक में इस गीत की याद दिलाई श्रीलाल शुक्ल रचित कालजयी
रचना 'राग दरबारी' पर बने एक टी वी सीरियल ने। सीरियल में रंगनाथ
का किरदार ओम पुरी ने निभाया था। रुप्पन बाबू का चरित्र किस कलाकार
ने निभाया याद नहीं मगर इतना ज़रूर याद रहा, रुप्पन बाबू एक फ़िल्मी
गीतों के मुखड़ों से भरा एक पत्र बेला नाम के पात्र को लिखते हैं। उपन्यास
के सीरियल रूपांतरण में गीतों के मुखड़े बदल गए और फिल्म छलिया के
इस गीत की कुछ पंक्तियाँ सुनाई दे गयीं। वैसे भी किसी साहित्यिक कृति
के मूल भाव और उसकी आत्मा का स्वरुप फिल्मों में या सीरियल में कायम
रख पाना संभव नहीं होता। ये बात तो तय है कि सीरियल वो प्रभाव नहीं
छोड़ पाया जो पाठक के दिल-ओ-दिमाग पर मूल उपन्यास पढने के बाद
होता है।




गीत के बोल:

हो
हो हो हो हो हो
बाजे पायल छुन छुन हो के बेकरार
बाजे पायल छुन छुन हो के बेकरार
जाने मेरा जिया करे किसका इंतज़ार
इसी को तो कहते हैं जवानी की बहार

बाजे पायल छुन छुन होके बेकरार
जाने मेरा जिया करे किसका इंतज़ार
इसी को तो कहते हैं जवानी की बहार

बाजे पायल छुन छुन हो के बेकरार

आई बहार करके सोलह सिंगार
आई बहार करके सोलह सिंगार
लाया खुर्शीद देखो किरणों के हार
आई बहार करके सोलह सिंगर

हवा है बेकरार,
फूलों से बार बार करती है प्यार
झुकी झुकी जाए देखो फूलों की कतार

ओ हो हो हो हो

बाजे पायल छुन छुन हो के बेकरार
जाने मेरा जिया करे किसका इंतज़ार
इसी को तो कहते हैं जवानी की बहार

ओ हो हो हो हो
बाजे पायल छुन छुन हो के बेकरार

ठहरो हुजूर ऐसी ज़ल्दी है क्या
ठहरो हुजूर ऐसी ज़ल्दी है क्या
उड़ते हैं आप जैसे चंचल हवा
ठहरो हुजूर ऐसी ज़ल्दी है क्या

हो हो हो हो

बाजे पायल छुन छुन हो के बेकरार
जाने मेरा जिया करे किसका इंतज़ार
इसी को तो कहते हैं जवानी की बहार

बाजे पायल छुन छुन हो के बेकरार
जाने मेरा जिया करे किसका इंतज़ार
इसी को तो कहते हैं जवानी की बहार

बाजे पायल छुन छुन हो के बेकरार
..............................
Baaje payal chhun chhun-Chhalia 1960

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