तेरी चमकती आँखों के आगे-छोटे बाबू १९५७
फिल्म छोटे बाबू जो सन १९५७ की फिल्म है का एक गीत
हम पहले सुन चुके हैं जो राजेंद्र कृष्ण का लिखा हुआ था।
आइये अब इन्दीवर के लिखे एक गीत को सुना जाए जिसे
लता और तलत महमूद ने गाया है। मदन मोहन के कई
नायाब गीत अभी इस ब्लॉग में शामिल किया जाना बाकी है।
लता और तलत के युगल गीतों का एक अलग प्रशंसक वर्ग है
जो सॉफ्ट किस्म के गीत सुनना ज्यादा पसंद करता है।
इस गीत को पिछले दिनों एक संकलन में जारी किया गया था
जिसमे लता मंगेशकर की कमेंट्री शामिल थी।
गीत के बोल:
तेरी चमकती आँखों के आगे ये सितारे कुछ भी नहीं
हो ओ ओ ओ
तू जो बढ़ा दे हाथ ज़रा दुनिया के सहारे कुछ भी नहीं
तेरी चमकती आँखों के आगे ये सितारे कुछ भी नहीं
मान लिया दिलकश हैं बहुत ये रात हसीं ये चाँद जवान
बात जो देखी है तुझ में नज़ारों में वो बात कहाँ
सामने मेरे तू हो अगर दुनिया के नज़ारे कुछ भी नहीं
तेरी चमकती आँखों के आगे ये सितारे कुछ भी नहीं
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
साथ है मेरे तू जब तक रोशन हैं जीवन की राहें
साथ है मेरे तू जब तक रोशन हैं जीवन की राहें
क्यूँ हो मुझे मंजिल का ग़म पतवार हैं जब तेरी बाहें
मांझी है गर तू नैय्या का तूफ़ान के धारे कुछ भी नहीं
तेरी चमकती आँखों के आगे ये सितारे कुछ भी नहीं
बांध लिया बंधन में तुम्हें बस में कर लिया बहारों को
है ये वो बंधन जो कर दे आज़ाद ग़मों के मारों को
प्यार की तेरे छाँव मिले तो ग़म के शरारे कुछ भी नहीं
तेरी चमकती आँखों के आगे ये सितारे कुछ भी नहीं
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