भूल हो गई जाने दे-ज़बरदस्त १९८५
हिरोइन से रूठ के कहीं जाने लगता है तो उसके हाथ में एक छोटा सा
बैग होता है जिसमे १०-२० जोड़ी मोज़े या रुमाल से ज्यादा कुछ नहीं
आ सकता। दूसरी बात वो जंगल या पहाड़ पर ही ज्यादा रूठा करता है।
ऐसी गति से चलता है मानो कोई बस या कार उड़ते हुए पहाड़ पर उसको
लेने आनेवाली हो । २-३ मिनट तक ये ड्रामा चलता है, हिरोइन उसको
मना लेती है और जाने का प्रोग्राम कैंसल । ऐसा संगीतमय ड्रामा नासिर हुसैन
के एक फिल्म -प्यार का मौसम में भी है जिसमे शशि कपूर रूठ के कहीं चले
जा रहे हैं और नायिका आशा पारेख गीत गा के उनको मनाने का यत्न कर रही हैं ।
फिल्म ज़बरदस्त जिसका युगल गीत हम आज सुनेंगे उसमे भी अभिनेत्री
रति अग्निहोत्री नायक राजीव कपूर को मनाने का संगीतमय प्रयत्न करती
नज़र आएँगी। ये फिल्म भी नासिर हुसैन निर्देशित फिल्म है और संगीत
राहुल देव बर्मन का है। पहाड़ी भी कुछ कुछ मिलती जुलती है -वही शायद
प्यार का मौसम वाली। मेरे अनुमान से पूना और मुंबई के बीच की कोई पहाड़ी
होना चाहिए।
गीत की धुन आकर्षक एवं तेज़ है जो आपको बांधे रखेगी। गायक कलाकार हैं
आशा भोंसले और किशोर कुमार।
गीत के बोल:
अरे भूल हो गई जाने दे सजना
मर जाऊंगी, मान जा, मान जा , मान जा
हो ओ ओ भूल हो गई जाने दे सजना
मर जाऊंगी, मान जा, मान जा , मान जा
सजा दे इन आखों को कि ये खता है इनकी
कहे ना पहचाना तुझे
तुझे क्या से क्या समझा कहूं क्या मैं इस दिल को
कैसे नहीं जाना तुझे
मानती हूँ जाने दे सजना
मर जाऊंगी, मान जा, मान जा ना, मान जा
तुझे मैं ना चाहूंगी तो कैसे ना चाहूंगी
मैं तो दीवानी यार की
गिले जो भी हैं दिल के मिटा ले गले मिल के
तुझको कसम है यार की
छोड़ गुस्सा जाने दे सजना
मर जाऊंगी, मान जा, मान जा ना, मान जा
भूल हो गई जाने दे सजना
मर जाऊंगी, मान जा, मान जा ना, मान जा
हा हा ,चलो माफ़ करता हूँ
कहा तो कहा तुमने
आगे ना कहना फिर कभी
चला जाऊँगा वरना कहीं तुमसे इतनी दूर
ढूंढोगी सारी ज़िन्दगी
और फिर पुकारोगी सजना
अरे मर जाऊंगी मान जा, मान जा, मान जा
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