May 3, 2010

ऐसा समा ना होता-ज़मीन आसमान १९८४

कुछ कुछ ब्यूटी क्रीम या बालों के तेल के विज्ञापन सी शुरुआत होती
है इस विडियो गीत की । उसके बाद वो 'सूटिंग शर्टिंग' का विज्ञापन सा
लगता है। ३७ सेकण्ड बाद वो फ़िल्मी गीत लगने लगता है।

ये उस ज़माने का गीत है जब संजय दत्त के सर पर घने बाल हुआ करते थे।
ये बात और है कि जैसे जैसे उनके सर से बाल गायब होते गए उनके अभिनय में
निखार आता गया। फिल्म ज़मीन आसमान में अनीता राज के साथ उनकी जोड़ी है।
अनीता राज की जोड़ी धर्मेन्द्र के साथ ज्यादा जंचती थी ऐसा मेरा मानना है।

गाने में आपको नायक नायिका येज्दी नाम की मोटरसाईकिल पर सवारी करते
मिल जायेंगे। ऐसे गानों को मैं बहुत ध्यान से देखता हूँ जिनमे येज्दी की कद्र की
गई है वरना वो दूधवालों की मोटर साईकिल के नाम से बदनाम हो चुकी थी।
येज्दी के बंद होने के बाद बजाज कंपनी की M-८० ने वो स्थान ले लिया और
आज भी उसपर दूध के डब्बे लटकाए आपको कई लोग घूमते मिल जायेंगे।

गीत शानदार है और ८० के दशक में लता मंगेशकर के गाये गीतों में से एक
बेहतर गीत। अनजान गीत के लेखक हैं और आर डी बर्मन संगीत निर्देशक।



गीत के बोल:

ऐसा समा ना होता
कुछ भी यहाँ ना होता
मेरे हमराही जो तुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते

ऐसा समा ना होता
कुछ भी यहाँ ना होता
मेरे हमराही जो तुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते

मौसम यह ना आता, यूं ना छाती यह घटा
ऐसे गुनगुनाती, यूं ना गाती यह हवा
गुल शबनम के मोती ना पिरोते
मेरे हमराही जो तुम ना होते

ऐसा समा ना होता
कुछ भी यहाँ ना होता
मेरे हमराही जो तुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते

राहें वोही, वादी वोही, बदला कुछ नहीं
फिर भी तेरे मिलने से है दुनिया क्यूँ हसीं
कहीं ख्वाबों में हम गुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते

ऐसा समा ना होता
कुछ भी यहाँ ना होता
मेरे हमराही जो तुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते

हम तुम जो ना मिलते, तो ना छाता यह नशा
होता कुछ भी होता, यह ना होता जो हुआ
यहाँ मिल के ना दिल ऐसे खोते
मेरे हमराही जो तुम ना होते

ऐसा समा ना होता
कुछ भी यहाँ ना होता
मेरे हमराही जो तुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते

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