आये हैं दूर से-तुमसा नहीं देखा १९५७
फिल्म तुमसा नहीं देखा(१९५७) से एक गीत आप सुन चुके हैं
इस ब्लॉग पर। एक और मीठा गीत सुनवाते हैं आपको आज।
इस युगल गीत में रफ़ी का साथ दे रही हैं आशा भोंसले। शम्मी
कपूर और अमिता पर इसे फिल्माया गया है। प्रेमी अपनी प्रेमिका
इस मिलने दूर से आया है। दूर से आया है तो उसे उम्मीद है उसकी
प्रेमिका उससे लड़िया लड़िया के बातें करेगी। अमिता की छबि
बहुत सौम्य किस्म की बनी हुई थी और इस गीत में भी वे उन
सौम्य सीमाओं ke bheetar ही athkheliyan कर रही हैं ।
गीत के बोल:
आये हैं दूर से, मिलने हुज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये, कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है के रात है
तुमसे मेहमान का, मुझपे एहसान क्या
लाखों ही जुल्फों वाले, आते हैं घेरा डाले
मेरी क्या बात है
आये हैं दूर से, मिलने हुज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये,
कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है के रात है
उठ के तो देखिये, कैसी फिजा है
शरमाना छोडिये, ये क्या अदा है
उठ के तो देखिये, कैसी फिजा है
शरमाना छोडिये, ये क्या अदा है
तौबा ये क्या फ़रमाया
मैं तो यूँ ही शरमाया
तौबा ये क्या फ़रमाया
मैं तो यूँ ही शरमाया
मेरी क्या बात है
आये हैं दूर से, मिलने हुज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये, कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है के रात है
दिखती है रोज़ ही, ऐसी फिजायें
मुखड़े के सामने, काली घटायें
दिखती है रोज़ ही, ऐसी फिजायें
मुखड़े के सामने, काली घटायें
कोई चल जाए जादू, फिर हम पूछेंगे बाबू
कोई चल जाए जादू, फिर हम पूछेंगे बाबू
दिन है के रात है
तुमसे मेहमान का, मुझपे एहसान क्या
लाखों ही जुल्फों वाए, आते हैं घेरा डाले
मेरी क्या बात है
आये हैं दूर से, मिलने हुज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये, कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है के रात है
तुमसे मेहमान का, मुझपे एहसान क्या
लाखों ही जुल्फों वाले, आते हैं घेरा डाले
मेरी क्या बात है
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