नैनों में दर्पण है-आरोप १९७३
की फिल्म आरोप से। इस फिल्म में बंगला जगत के प्रसिद्ध गायक,
संगीतकार भूपेन हजारिका का संगीत है। बतौर संगीत निर्देशक
शायद उनकी यह पहली हिंदी फिल्म है। नायक विनोद खन्ना और
नायिका सायरा बानो साईकिल पर सवारी करते हुए ये मधुर गीत
गा रहे हैं। गीत इतना खूबसूरत है कि मैदान में घास चरती भैंस भी
ब्यूटीफुल नज़र आ रही है।
ये गीत एक दुर्लभ कोम्बिनेशन है वो इसलिए कि आपने संगीतकार
भूपेन हजारिका के संगीत निर्देशन में माया गोविन्द का लिखा कोई
और गीत शायद ही कभी सुना होगा। कोशिश की जाएगी कि आपको
फिल्म आरोप का मन्ना डे का गाया गीत भी कभी सुनवाया जाए।
माया गोविन्द फिल्म निर्देशक आत्माराम की वजह से माया नगरी
में पधारीं। फिल्म आरोप उनकी पहली फिल्म है । इसके बाद उन्होंने
काफी फिल्मों में गीत लिखे हैं।
ये भी रोचक तथ्य है की उनको फ़िल्मी प्रसिद्धि उनके सौम्य साहित्यिक
गीतों की वजह से नहीं बल्कि "चढ़ गया ऊपर रे अटरिया पे लोटन कबूतर
रे-दलाल" जैसे गीतों से मिली। इस गीत के बाद तो उनके पास गीत
लिखने का काफी काम आ गया
गीत के बोल:
नैनों में दर्पण है
दर्पण में कोई
देखूं जिसे सुबह शाम
बोलो जी बोलो
ये राज़ खोलो
हम भी सुनें दिल को थाम
या तो है धरती
या है गगन
या तो है सूरज
या है पवन
उं हूँ , उसका तो साजन है नाम
नैनों में दर्पण है
दर्पण में कोई
देखूं जिसे सुबह शाम
हे ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ
हो, ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
मस्ती में गाये
दिल को लुभाए
कानों में मिसरी सी घोले
बोलो जी बोलो
ये राज़ खोलो
मेरा भी मन आज डोले
या तो कोयल की है रागिनी
या तो पायल है याबंसुरी
ना, उसका तो सजी है नाम
नैनों में दर्पण है
दर्पण में कोई
देखूं जिसे सुबह शाम
बहकी बहकी चाल है उसकी
झूमे वो आवारा
बोलो जी बोलो
ये राज़ खोलो
किसकी तरफ है इशारा
बोलो
किसकी तरफ है इशारा
या तो जोगी है
या पागल
या तो बादल है
या आंचल
उं हूँ , उसका तो प्रीतम है नाम
नैनों में दर्पण है
दर्पण में कोई
देखूं जिसे सुबह शाम
ला ला ला ला ला ला ला ला ला
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
ला ला ला ला ला ला ला ला ला
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
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Nainon mein darpan hai-Aarop 1973
Artists: Vinod Khanna, Saira Bano
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