बही जइयो ना रानी -सबसे बड़ा रुपैया १९७६
"सबसे बड़ा रुपैया" नाम की दो फ़िल्में हैं। एक काले-पीले ज़माने की और
और एक रंगीन ज़माने की। काले-पीले दौर की फिल्मों को हम क्लासिक
कहते हैं। यहाँ 'हम' से मतलब फ़िल्मी पत्रकारों और फ़िल्मी-बुद्धिजीवियों
से है। वैसे क्लासिक की परिभाषा विस्तृत है। नामचीन लोगों की बनाई
जो फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर पिट जाती हैं उनको भी क्लासिक कहा
जाता है ।
हम गीत सुनेंगे रंगीन युग वाली फिल्म से। फिल्म का निर्देशन किया है
एस. रामनाथन ने। फिल्म में महमूद, विनोद मेहरा और मौसमी चटर्जी
प्रमुख कलाकार हैं। महमूद और विनोद मेहरा इक्का दुक्का फिल्मों में
साथ साथ दिखाई दिए उनमे से एक है-दो फूल । विनोद मेहरा और
मौसमी चटर्जी की जोड़ी आपने काफी फिल्मों में देख ली होगी। एक फिल्म
आई थी-उस पार जो शायद दोनों की पदार्पण फिल्म थी। उसके बाद दोनों
दिखे अनुराग में। फिल्म 'अनुराग' और 'उस पार' फिल्मों में संगीत एस दी
बर्मन का है। फिल्म दो फूल के संगीत निर्देशक आर डी बर्मन हैं। बर्मन
खेमे के दो सहायक संगीत निर्देशकों -बासु-मनोहारी ने मिलकर फिल्म
सबसे बड़ा रुपैया का संगीत तैयार किया। इस फिल्म के संगीत से आपको
लगेगा की ये पंचम का संगीत है। बासु-मनोहारी पंचम के सहायक रहे अतः
उनके संगीत में समानता होना स्वाभाविक है। बासु और मनोहारी की जोड़ी
ने सचिन देव बर्मन के लिए भी सहायक का काम किया है।
एक और विशेष बात ये है कि गीत लिखने के लिए सेवाएँ भी गीतकार
मजरूह सुल्तानपुरी की ली गयीं जिन्होंने बर्मन खेमे के लिए बहुत से
गीत लिखे। इस फिल्म के गीत थोड़े लोकप्रिय अवश्य हुए लेकिन फिल्म
नहीं चली। एक गीत लता और किशोर की आवाज़ वाला काफी बजा। वो
हम बाद में सुनेंगे, पहले सुनते हैं इस फिल्म का सबसे कर्णप्रिय गीत जो
लता और उषा मंगेशकर की आवाज़ में है । इसे फिल्माया गया है मौसमी
चटर्जी और अन्य कलाकारों पर। गात का फिल्मांकन भी बढ़िया है और
नयन-सुख देने वाला है।
फिल्म की कहानी लिखी है 'अबरार अल्वी' ने जिन्हें हम गुरु दत्त की फिल्मों
से पहचानते हैं।
गीत के बोल:
आ हा , हो हो, आ हा, हा हा,
हा हा हा, हा हा हा , हा हा हा
बही जइयो ना, रानी बही जइयो ना
बही जइयो ना
राजा की तलैया में रही जइयो ना
रही जइयो ना
एक तो जवानी दूजे छेड़ जाए बहता पानी
अइयो अइयो
हो ओ ओ ओ , बही जइयो ना, रानी बही जइयो ना
कोई ना दौड़ के
बाँहों को थाम ले
गहरे में जाना नहीं
हो ओ ओ, फँस जाए ना किसी
मन की मछरिया
लट बिखरना नहीं
हो, तोहे जो देखे
हाँ, तोहे जो देखे
पानी मारे लहरिया
तो हमको बुलइयो ना
बही जइयो ना, रानी बही जइयो ना
बही जइयो ना
राजा की तलैया में रही जइयो ना
रही जइयो ना
एक तो जवानी दूजे छेड़ जाए बहता पानी
अइयो अइयो
हो ओ ओ ओ , बही जइयो ना, रानी बही जइयो ना
आ हा आ, हा हा हा
इस पार बांवरी
सोचे है क्या खड़ी
राजा बसे उस पार
हो ओ ओ ओ, बालेपने में तो
सुनती हैं दूर से
हर सांवरी ये पुकार
हो ओ ओ ओ , फिर मैं अकेली
दोल जाऊं भंवर में तो
शोर मचैयो ना
बही जइयो ना, रानी बही जइयो ना
बही जइयो ना
राजा की तलैया में रही जइयो ना
रही जइयो ना
एक तो जवानी दूजे छेड़ जाए बहता पानी
अइयो अइयो
हो ओ ओ ओ , बही जइयो ना, रानी बही जइयो ना
बही जइयो ना, रानी बही जइयो ना
बही जइयो ना
राजा की तलैया में रही जइयो ना
रही जइयो ना
एक तो जवानी दूजे छेड़ जाए बहता पानी
अइयो अइयो
हो ओ ओ ओ , बही जइयो ना, रानी बही जइयो ना
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Bahi jaiyo na rani bahi jaiyo-Sabse bada rupaiya 1976
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