लिखा है तेरी आँखों में-तीन देवियाँ १९६५
अभिनेत्री नंदा और भारतीय नारी की छबि एक दूसरे के पर्याय लगते
थे रुपहले परदे पर। एक फिल्म आई थी सन में -तीन देवियाँ। इस फिल्म
में देव आनंद के साथ तीन देवियों ने काम किया था। ये हैं-नंदा, कल्पना और
सिमी ग्रेवाल। फिल्म में कुछ यूँ होता है की तीनों देवियाँ देव आनन्द पर फ़िदा
हो जाती हैं और शायद तीनों पर देव आनंद। अब समस्या तीन में से एक को चुनने
की है। फिल्म के अंत में फिल्म का नायक देव आनंद एक मनोवैज्ञानिक के पास
जाता है। वहां उसे समाधान मिल जाता है। भुट्टा खाने वाली अभिनेत्री ही उसकी
पसंद मालूम पढ़ती है। ज्ञात हो फिल्म के एक दृश्य में देव आनंद और नंदा भुट्टे
का आनंद लेते नज़र आते हैं। भुट्टे का आनंद लेने के साथ दोनों एक गीत गाते हैं।
आइये वही गीत सुनें। हिंदी फिल्म जगत का ये सबसे मधुर भुट्टा-गीत है। वैसे
कई गीत हैं जो बाजरे के खेत में भी फिल्माए गए हैं। निर्देशक अमरजीत का जवाब
नहीं जिन्होंने भुट्टे(मकई) के खेत को भी खूबसूरत बना डाला। मजरूह के बोल,
एस. डी. बर्मन का संगीत और आवाजें लता, किशोर की हैं।
गीत के बोल:
लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
अगर इसे समझ सको, मुझे भी समझाना
लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
जवाब सा किसी तमन्ना का,
लिखा तो है मगर अधूरा सा
अरे ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
जवाब सा किसी तमन्ना का,
लिखा तो है मगर अधूरा सा
हो ओ ओ कैसी न हो मेरी हर बात अधूरी,
अभी हूँ आधा दीवाना
लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
अगर इसे समझ सको, मुझे भी समझाना
लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
जो कुछ नहीं तो ये इशारे क्यूँ,
ठहर गए मेरे सहारे क्यूँ
अरे ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
जो कुछ नहीं तो ये इशारे क्यूँ,
ठहर गए मेरे सहारे क्यूँ
थोड़ा सा हसीनों का सहारा ले के चलना,
है मेरी आदत रोज़ाना
लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
अगर इसे समझ सको, मुझे भी समझाना
लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
यहाँ वहाँ फ़िज़ा में आवारा,
अभी तलक़ ये दिल है बेचारा
अरे ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
यहाँ वहाँ फ़िज़ा में आवारा,
अभी तलक़ ये दिल है बेचारा
हो ओ ओ, दिल को तेरे तो हम ख़ाक ना समझे
तुझी को हमने पहचाना
लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
अगर इसे समझ सको, मुझे भी समझाना
लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
0 comments:
Post a Comment